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Special: नागौर में सैंपलिंग बढ़ाकर कोरोना को काबू में करने की कोशिश

नागौर जिले में जुलाई की तुलना में अगस्त महीने में 57.53 फीसदी ज्यादा सैंपलिंग की गई. जिसके चलते 64.63 प्रतिशत ज्यादा कोरोना पॉजिटिव सामने आए हैं. प्रशासन कोरोना को काबू में करने के लिए लगातार सैंपलिंग बढ़ाने पर जोर दे रहा है. एसिम्टोमैटिक मरीजों को होम आइसोलेट करके इलाज किया जा रहा है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

Corona positive in nagaur,  Corona case in nagaur
नागौर में सैंपलिंग बढ़ाकर कोरोना को काबू में करने की कोशिश

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Published : Sep 2, 2020, 10:37 PM IST

नागौर. जिले में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते आंकड़े चिकित्सा विभाग और प्रशासन के लिए चिंता का कारण बने हुए हैं. जुलाई के मुकाबले अगस्त महीने में सैंपलिंग की दर में 58 फीसदी की बढ़ोतरी हुई तो कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में भी जुलाई के मुकाबले 64.63 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई. जिले में अभी भी एक्टिव केसों की संख्या 476 है. इनमें से 438 होम आइसोलेशन में हैं.

अगस्त में जुलाई की तुलना में 64 प्रतिशत ज्यादा मरीज सामने आए हैं

सैंपलिंग बढ़ी तो केस भी बढ़े

कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते आंकड़े अब लोगों को डराने लगे हैं. कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या जिले में 2,712 पहुंच गई है. जैसे-जैसे सैंपलिंग बढ़ाई जा रही है कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. जुलाई की तुलना में अगस्त में करीब 58 फीसदी ज्यादा सैंपल लिए गए. जिसका नतीजा यह आया कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में भी करीब 64 फीसदी इजाफा हुआ. वर्तमान में जिले में लगभग सभी एक्टिव मरीजों को होम आइसोलेट किया गया है. लेकिन लगातार उनके द्वारा नियमों को तोड़ने की शिकायतें सामने आ रही हैं. विभाग ऐसे मरीजों को अस्पताल या कोविड केयर सेंटर में शिफ्ट कर रहा है.

अगस्त में 57 प्रतिशत सैंपलिंग बढ़ाई गई है

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चिकित्सा विभाग के आंकड़ों के अनुसार मार्च 2020 में जिले से 19 सैंपल की जांच की गई थी. जिनमें से एक भी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई थी. 5 अप्रैल को बासनी में कोरोना का पहला केस मिलने के बाद 2,770 सैंपल की जांच की गई. इसमें 117 मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. सैंपलिंग का दायरा जैसे जैसे बढ़ता गया कोरोना मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी होती गई. मई में 12,020 की सैंपलिंग की गई उनमें से 339 कोरोना पॉजिटिव पाए गए. वहीं, जून के महीने में सैंपलिंग घटी तो मरीजों की संख्या भी कम हो गई. जून में केवल 8,733 सैंपल लिए गए. जिनमें से 180 सैंपल पॉजिटिव आए.

लगातार कोरोना जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं

अगस्त में 57 फीसदी सैंपलिंग बढ़ी तो 64 फीसदी केस भी आए ज्यादा

जुलाई और अगस्त महीने में जैसे ही जांच का दायरा बढ़ाया गया तो कोरोना संक्रमित मरीज मिलने का सिलसिला भी एक बार फिर से तेज हो गया. जुलाई में 19,007 सैंपल की जांच में 815 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए. जबकि, अगस्त महीने में 33,036 सैंपल की जांच की गई. जो जुलाई के मुकाबले 57.53 फीसदी ज्यादा थी. इससे संक्रमित मरीज मिलने की दर भी 64.63 फीसदी बढ़ गई. जुलाई में जहां 815 मरीज कोरोना संक्रमित मिले थे. वहीं, अगस्त में यह आंकड़ा बढ़कर 1,261 पर आ पहुंचा.

एसिम्टोमैटिक मरीजों को किया जा रहा है होम आइसोलेट

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नागौर जिले में 31 अगस्त तक कोरोना संक्रमित मरीजों का कुल आंकड़ा 2,712 पहुंच गया है. हालांकि, इनमें से 2,194 मरीज रिकवर हो चुके हैं. वहीं, 476 एक्टिव केस अभी भी मौजूद हैं. इसी बीच कोरोना से 43 लोगों की मौत भी हो गई. जिले में अब तक कुल 75,585 सैंपल जांच के लिए भिजवाए गए है. इनमें से 23,834 सैंपल प्रवासियों के हैं. जबकि कुल 2,712 पॉजिटिव मरीजों में 482 मरीज प्रवासी हैं.

एक्टिव मरीज हैं होम आइसोलेशन में

जिले में फिलहाल कोरोना संक्रमण के 476 सक्रिय मरीज हैं. इनमें से 33 मरीज ही कोविड केयर सेंटर में भर्ती हैं. जबकि पांच मरीजों को रेफर किया गया है. जिनका उपचार मेडिकल कॉलेज में चल रहा है. जबकि बाकी 438 मरीजों को घर पर ही आइसोलेट किया गया है. आइसोलेट किए गए मरीजों के घर के आसपास कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है. जिले में अभी 232 कंटेनमेंट जोन हैं. जिनमें से 126 एक्टिव कंटेनमेंट जोन हैं.

डीएम मनोज कुमार का कहना है कि घर पर आइसोलेट किए गए कोरोना संक्रमित मरीजों द्वारा नियमों की अवहेलना करने की शिकायत भी कुछ जगहों से मिली है. ऐसे मरीजों को कोविड केयर सेंटर में भर्ती करवाया जा रहा है. अभी प्रशासन के साथ ही चिकित्सा विभाग का भी पूरा ध्यान ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच कर सैंपल भिजवाने पर है. ऐसे में ज्यादा संक्रमित मरीज मिलने वाले शहरों और कस्बों को चिह्नित कर वहां लॉकडाउन लगाया जा रहा है. 22 और 23 अगस्त को लॉकडाउन लगाकर घर-घर सैंपल लिए गए थे. इसके बाद जायल, मूंडवा और कुचेरा में लॉकडाउन घोषित कर घर-घर जांच की जा रही है.

सीएमएचओ डॉ. मेहराम महिया का कहना है कि फिलहाल ज्यादा से ज्यादा सैंपल की जांच करने पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए शहरों और कस्बों का चयन करके लोगों की घर-घर जाकर जांच की जा रही है. सर्दी-जुकाम के लक्षण वाले मरीजों के सैंपल जांच के लिए भिजवाए जा रहे हैं। उनका कहना है कि आमजन को इस संबंध में जागरूक करने के लिए लगातार अभियान भी चलाया जा रहा है.

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