नागौर.कोरोना काल में जब सब कुछ थम सा गया है, ऐसे हालातों में गहलोत सरकार ने किसानों के हित की दिशा में सोचते हुए और बेरोजगारों को रोजगार देने के मकसद से एक ऐसा फैसला किया है जिसकी तारीफ की जानी चाहिए. सरकार ने प्रदेश में कृषि पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा 2018 में चयनित युवाओं की भर्ती को मंजूरी दी है. इस भर्ती से विभाग को 1 हजार 896 कार्मिक मिलेंगे. जिससे विभाग को मजबूती मिलेगी और विभागीय योजनाओं को धरातल पर ज्यादा कारगर ढंग से संपादित किया जा सकेगा.
इस सिलसिले में राजस्थान अधीनस्थ और मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड (RSMSSB) ने कृषि पर्यवेक्षक (एग्रीकल्चर सुपरवाइजर) के पदों के लिए नागौर के मेड़ता और कुचामन में कृषि पर्यवेक्षक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए. सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के साथ 31 जुलाई से शुरू हुआ 66 कृषि पर्यवेक्षकों का एक माह का प्रशिक्षण पूरा हो गया है. अब इनकी जयपुर में आगामी दिनों में जिलेवार काउंसलिंग होगी और जिलेवार नियुक्ति की प्रक्रिया की जाएगी.
नागौर उप निदेशक कृषि विस्तार कार्यालय के हजारी राम ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान, पर्यवेक्षकों को किसानों को वितरित किए जाने वाले यूरिया, कीटनाशकों और पोषक तत्व के बारे में जानकारी दी गई. यूरिया के वितरण में परमिट जारी करने और पोस मशीन के सम्बन्ध विस्तार से बताया गया. किसानों को लाभ के लिए फसल प्रदर्शन, बीज अनुदान, फसल कटाई प्रयोग, किसानों के प्रशिक्षण देने और अनुदान के लिए कृषि यन्त्रों की फाइलें तैयार करना, मिट्टी जांच सहित कई विभागीय योजनाओं के बारे में प्रशिक्षण दिया गया और फील्ड एक्सपीरियंस के लिए प्रशिक्षणार्थियों को किसानों के खेतों में जाकर खरीफ सीजन की बुवाई का प्रशिक्षण दिया गया है.