नागौर.जिले के सबसे बड़े अस्पताल जेएलएन अस्पताल के वॉर रुम में चिकित्सा व्यवस्थाओं को और मजबूत करने और ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करवाने के लिए नागौर जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अधिकारियों और चिकित्साधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया.
बैठक के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मेहराम महिया ने बताया कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण टीम की ओर से नागौर में मिशन अगेंस्ट कोरोना के तहत सुदृढ़ स्वास्थ्य तंत्र विकसित किया जा रहा है. इसके तहत विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो पर कोविड मरीजों की चिकित्सा के लिए बेड आरक्षित की व्यवस्था की गई है. इसमें जिला मुख्यालय स्थित पुराना चिकित्सालय सेठ श्री वल्लभ रामदेव पित्ती चिकित्सालय नागौर में कोरोना मरीजों हेतु 50 बेड आरक्षित किए गए है.
इसी प्रकार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेड़ता और मकराना में 25-25 बेड, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डेगाना, खींवसर, परबतसर, मूंडवा, नावां, जायल, रिंया बड़ी, मौलासर व हरसौर में 15-15 बेड कोरोना पीड़ितों के निमित्त आरक्षित किए गए हैं. इसी प्रकार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निंबी जोधा और कुचेरा में 10-10 बेड, मीठड़ी में 5, श्रीबालाजी में 3 और छोटी खाटू में 7 बेड आरक्षित किए गए हैं.
राज्य सरकार की ओर से जिले में नवीन रूप से 270 बेड कोरोना मरीजों के निमित्त आरक्षित किए गए हैं. 270 कोरोना आरक्षित बेड में से 190 ऑक्सीजन सर्पोटेड बेड है. जिसमें नागौर के पुराने राजकीय चिकित्सालय में ऑक्सीजनयुक्त 25 बेड आरक्षित किए गए है. इसी प्रकार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डेगाना, मेड़ता, मकराना, खींवसर व परबतसर में भी ऑक्सीजनयुक्त 15-15 बेड कोविड मरीजों की व्यवस्था के लिए आरक्षित किए गए हैं.
वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मूंडवा, नावां, जायल, रिंया बड़ी, मौलासर, निंबी जोधा और कुचेरा में भी 10-10 बेड की व्यवस्था की गई है. इस प्रकार हरसौर, मीठड़ी लाडनूं में 5-5 तथा श्रीबालाजी में 3 बेड की व्यवस्था कोरोना मरीजों के लिए की गई है, जिसमें ऑक्सीजन सिलेंडर और कंसंट्रेटर सहित अन्य व्यवस्थाएं उपलब्ध होगी.