कोटा. जिले के घघटाना मानस गांव में बिजली के तार के संपर्क में आने से मजदूर की मौत का मामला सामने आया है. इसके बाद आक्रोशित परिजनों ने शव को जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कोटा चीफ इंजीनियर कार्यालय में रखकर प्रदर्शन कर मुआवजा की मांग कर रहे हैं.
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जानकारी के अनुसार कोटा की कोटड़ी एरिया में रहने वाला हरीश कुशवाहा आरसीसी का काम करता है. वह अन्य मजदूरों के साथ बीते 3 दिनों से कोटा के घघटाना मानस गांव में मजदूरी करने जा रहा था. बता दें कि जिस जगह पर वह मजदूरी कर रहा था उसके नजदीक से 11 केवी की लाइन निकल रही थी. ऐसे में 11 केवी बिजली की लाइन को निर्माणाधीन मकान के मालिक बंद करवा रहे थे. वहीं तीसरे दिन भी काम शुरू करने से पहले मजदूरों ने बिजली बंद होने के बारे में पूछा तो मकान मालिक ने कहा कि इसकी बिजली को बंद करवा दिया है. लेकिन जैसे यह मजदूर काम कर रहे थे इसी दौरान हरीश को बिजली के तार ने अपनी ओर खींच लिया और वह उसके चपेट में आ गया.
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बता दें कि हरीश के बिजली के चपेट में आ जाने के बाद आसपास के मजदूरों ने डंडे की सहायता से बिजली के तारों से उसे छुड़ाया और उसे लेकर कोटा के एमबीएस अस्पताल पहुंचे, जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. शनिवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया.
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आक्रोशित होकर परिजनों ने शव को लेकर जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कोटा चीफ इंजीनियर कार्यालय पहुंच गए, जहां शव को रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. हालांकि छुट्टी का दिन होने से कार्यालय में एक भी अधिकारी मौजूद नहीं है. वहीं मृतक के परिजनों का कहना है कि जब तक 5 लाख रुपए मुआवजा नहीं मिलेगा वे मृतक के शव को नहीं उठाएंगे. परिजनों ने कहा कि मृतक हरीश के माता-पिता नहीं हैं और कुछ साल पहले ही उसका विवाह हुआ था.