कोटा. भारत माला प्रोजेक्ट के तहत मुकुंदरा हिल्स में बन रही टनल की निर्माता फर्म का दावा है कि 100 साल तक इस टनल की गारंटी रहेगी. टनल में मोबाइल नेटवर्क और रेडियो फ्रीक्वेंसी तक उपलब्ध होगी. यानी 5 किमी लंबी इस टनल में न तो एफएम रेडियो बंद होगा और न ही मोबाइल.
इसके लिए टनल में नेटवर्क बूस्टर लगाए जाएंगे. पोल्यूशन कंट्रोल के लिए भी सेंसर होंगे, जिनके जरिए खतरनाक गैसों को वेंटीलेशन सिस्टम के जरिए बाहर निकाला जाएगा. ईटीवी भारत देश की पहली बार आठ लेन की ट्विन टनल के बारे में वह सब जानकारी आप तक उपलब्ध करा रहा है, जिसे जानकर आपकी रूचि इस खास प्रोजेक्ट में बढ़ जाएगी.
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की कंसलटेंट फर्म इंटरकॉन्टिनेंटल कंसल्टेंट्स एंड टेक्नोक्रेट्स प्राइवेट लिमिटेड के टीम लीडर और सीनियर टनल एक्सपर्ट एलपी साहू ने टनल के बारे में खास जानकारियां दीं. इसका निर्माण मध्यप्रदेश की कंपनी दिलीप बिल्डकॉन कर रही है. एलपी साहू का कहना है कि देश में अब तक जितनी भी टनल बनी हैं, उनमें से इस टनल में सबसे बेस्ट फैसिलिटीज उपलब्ध होंगी. पूरा वेंटीलेशन, फायर फाइटिंग, स्काडा कंट्रोल, गैस मॉनिटरिंग, पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम, मोबाइल नेटवर्क सिग्नल, एफएम फ्रिकवेंसी बूस्टिंग सिस्टम सहित मॉडर्न टनल में जो होना चाहिए, वह सब कुछ इसमें होगा. क्वालिटी को इस कदर कंट्रोल रखा गया है कि इसकी 100 साल की गारंटी ली गई है.
ड्रिलिंग और ब्लास्टिंग तकनीक से बनेगी ट्विन टनल
भारत माला प्रोजेक्ट के तहत इस टनल का काम मंडाना के बाद उम्मेदपुरा गांव से शुरू होगा, ताकली रिवर के नजदीक से नयागांव जागीर पर काम खत्म होगा. इस प्रोजेक्ट में 8.3 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे में 4.9 किलोमीटर के हिस्से में टनल बनाई जा रही है. इस प्रोजेक्ट की लागत 1000 करोड़ रुपए है. इसका निर्माण टनल के दोनों हिस्सों पर शुरू हो गया है. पहाड़ियों और जमीन को काट कर यह सुरंग ड्रिलिंग व ब्लास्टिंग तकनीक से बनाई जाएगी. यह दो हिस्सों में 38 मीटर चौड़ी होगी. इसमें आने और जाने का प्रत्येक हिस्सा 19 मीटर का है. साथ ही बीच में 30 मीटर का चट्टानी व जमीनी भू-भाग छोड़ा जाएगा.
टनल की ऊंचाई 10 मीटर से ज्यादा होगी. इसमें 5.5 मीटर वाहनों के निकलने के लिए क्लियरेंस का रास्ता होगा. बाकी ऊंचाई की जगह पर टनल की सेफ्टी और अन्य सुविधाओं को देखते हुए उपकरण स्थापित किए जाएंगे. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में पहाड़ी एरिया काफी ज्यादा है, ऐसे में इस पहाड़ी एरिया में जहां सुरंग बनेगी, वहां पर 50 से 200 मीटर ऊंचाई तक पहाड़ हैं.
निर्माण कंपनी करेगी 5 साल मेंटेन, 100 साल की गारंटी भी
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व एरिया में बन रही टनल का निर्माण दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड कर रही है. कंपनी को इसके निर्माण के लिए 2024 जनवरी तक का समय मिला है. निर्माण करवा रहे कंसलटेंट का कहना है कि दिसंबर 2023 तक ही इसको पूरा करवा दिया जाएगा. इसके 5 साल तक दिलीप बिल्डकॉन ही टनल का रखरखाव की जिम्मेदारी भी संभालेगा, यह टेंडर की शर्तों में शामिल है. पहले टनल करीब 3.6 किलोमीटर लंबी बनाई जा रही थी, इसके एंट्री और एग्जिट पर ऊंची बाउंड्री वॉल के साथ डेडीकेटेड रास्ता बनाया जा रहा था. लेकिन बाद में इसे भी एनिमल ओवरपास की तरह टनल में बदल दिया गया है. इससे दोनों तरफ टनल की लंबाई 500-500 मीटर बढ़ गई है. यानी टनल मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के 500 मीटर पहले से शुरू होगी और रिजर्व खत्म होने के 500 मीटर बाद तक रहेगी.
पॉल्यूशन फ्री होगी पूरी टनल
टनल एक्सपर्ट एलपी साहू का मानना है कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण में नाइट्रोजन कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर सहित अन्य कई खतरनाक गैसें निकलती है. सुरंग 5 किलोमीटर लंबी है, इसमें हार्मफुल गैसों का जमाव हो सकता है. ऐसे में टनल में ऐसे सेंसर लगाए जा रहे हैं जो प्रदूषण के खतरनाक लेवल पर जाने पर एक्टिव हो जाएंगे. इसके बाद ऑटोमेटिक सिस्टम हार्मफुल गैसों को टनल से बाहर निकालना शुरू कर देगा. टनल में फायर सेफ्टी सिस्टम भी लगाया जाएगा.
9 इमरजेंसी एक्जिट, 4 टनल ले-बाय
अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए ट्विन टनल को 9 जगह से इंटरकनेक्ट किया जा रहा है. इन 9 जगह इमरजेंसी एक्जिट (क्रॉस पैसेज) भी टनल में बनाए जा रहे हैं. इसके साथ ही 4 टनल ले-बाय भी होंगे. जहां लोग किसी भी स्थिति में रुक सकेंगे. साथ ही इमरजेंसी एग्जिट में अगर किसी भी तरह का फायर या अन्य दुर्घटना टनल के अंदर होती है, तो दूसरे रास्तों से ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया जाएगा. दूसरे रास्तों से इमरजेंसी के दौरान दमकल या एंबुलेंस जैसे जरूरी साधन भी पहुंचाए जा सकेंगे.