कोटा. राजस्थान के कोटा में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. सड़कों पर तेज पानी के बहाव का सैलाब नजर आने लगा है. वहीं, नगर निगम की रेस्क्यू टीम दोनों ही इलाकों में भेजी गई हैं, जिनमें गोताखोर शामिल हैं, लेकिन लोग घरों से बाहर निकलना चाहते हैं. साथ ही नाले के आसपास बने हुए मकानों के टूटने का भी खतरा बना हुआ है. दूसरी तरफ अनंतपुरा कच्ची बस्ती में करीब 5 से 6 फीट पानी सड़कों पर भर गया है. यहां भी नगर निगम की रेस्क्यू टीम भेजी गई थी, लेकिन लोगों ने निकलने से मना कर दिया है.
वहीं, घरों में यह पानी 1 से 2 फीट पानी है. ऐसे में बारिश और होती है तो यह जल प्लावन की स्थिति और बढ़ सकती है. दूसरी तरफ शहर के जवाहर नगर, साजिदेहड़ा, बजरंग नगर, देवली अरब, डीसीएम रोड, प्रेम नगर, कंसुआ, संजय नगर सहित कई नाले खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं. इनका पानी बस्तियों में प्रवेश कर सकता है. प्रशासन ने एहतियातन नगर निगम और अन्य टीमों को सतर्क कर दिया है. शहर में सोमवार को करीब 3 घंटे तक लगातार हुई तेज बारिश के चलते कई इलाकों में जल प्लावन की स्थिति हो गई (Water logging situation in Kota city due to heavy rains ) है. इसके अलावा सुबह 11:00 बजे से ही बारिश का क्रम लगातार जारी है. जबकि कोटा बैराज से भी हजारों क्यूसेक पानी छोड़ने की तैयारी की जा रही है.
कोटा बैराज के 11 गेट खोल दिए गए : जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता एजाजुद्दीन अंसारी ने बताया ने बताया है कि बैराज के 11 गेट खोल कर करीब एक लाख 25 हजार क्यूसेक पानी की निकासी शुरू कर दी. इसके लिए कोटा बैराज के साथ गेट 10 फीट और 6 गेटों को 15 फीट खुला हुआ है. चंबल नदी पर बने जवाहर सागर और कोटा बैराज के कैचमेंट एरिया में लगातार पानी की आवक हो रही है. इसको लेकर अलर्ट जारी किया है. इसके साथ ही कोटा शहर के निचली बस्तियों के लोगों को चंबल नदी के नजदीक नहीं जाने के लिए आगाह किया है. वहीं कोटा से लेकर धौलपुर तक चंबल नदी के किनारों पर आने वाले लोगों के लिए खतरा बताया गया है. चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बहेगी.