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जलझूलनी एकादशी पर उमड़ा लोगों का हुजूम, नन्हे कलाकारों ने दिखाए करतब - नन्हे कलाकारों के करतब

जलझूलनी एकादशी पर रामगंजमंडी, मोड़क, जुल्मी, चेचट और सातलखेड़ी में देव विमान निकाले गए. इस दौरान ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा तो वहीं देव विमानों के साथ अखाड़े का आयोजन किया गया. जिसमें कई नन्हे कलाकारों ने अपने करतब दिखाए.

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Published : Sep 10, 2019, 3:47 AM IST

Updated : Sep 10, 2019, 7:31 AM IST

रामगंजमंडी (कोटा). जलझूलनी एकादशी पर रामगंजमंडी, मोड़क, जुल्मी, चेचट, सातलखेड़ी सहित कई जगहों से देव विमान निकाले गए, जिसमें ग्रामीणों का हुजूम उमड़ा. इस दौरान पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में जुलूस निकाला गया. बता दें कि जुल्मी में सर्वप्रथम नृसिंह मंदिर से देव विमान की शोभायात्रा प्रारम्भ हुई जो गोपाल मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर, लड्डू गोपाल मंदिर, लक्ष्मीनाथ मंदिर, नृसिंह मंदिर, बंगला चौक और राममंदिर से पूरे गांव में भ्रमण करते हुए मुख्य चौराहे पर होती हुई पाटली नदी पंहुची. जहां पानी ज्यादा होने से परम्परागत स्थान के बजाय पुलिया के पास ही देव विमानों को स्नान कराया गया.

जलझूलनी एकादशी पर उमड़ा लोगों का हुजूम

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शोभायात्रा में बड़ी संख्या में महिला, पुरुष और बच्चे शामिल रहे जो भजनों पर नाचते-गाते चल रहे . पाटली में पानी ज्यादा होने से ग्रामीण और पुलिस मय जाब्ता सुरक्षा के लिए मुस्तैद रहे. मोड़क स्टेशन में जुलूस के दौरान उप जिलाधिकारी चिमनलाल भी मौजूद रहे. लखारिया, गादिया, अमृतखेड़ी, कुम्भकोट में भी देव विमानों की शोभायात्रा निकाली गई.

नन्हे कलाकारों ने दिखाए करतब

जलझूलनी एकादशी के अवसर पर निकाली गई भव्य शोभायात्रा

कपासन (चित्तौड़गढ़).जलझुलनी एकादशी के पर्व पर गाजेबाजे के साथ नगर में रामरेवाडिया निकाली गई. जिसमें चारभुजा नृत्य आकृषण का केन्द्र रहा. नगर के चारभुजाराय, कल्याणराय मन्दिर, नृसिहद्वारा, अस्थल मन्दिर, सहित कुल 11 मन्दिरों से विभिन्न मार्गो से होती हुई रामरेवाडिया लोडकिया चौक पहुंची. जहां से यह सभी शोभायात्रा के रूप में राजराजेश्वर सरोवह में जल में झूलने के लिये निकले.

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सबसे आगे बजरंग व्यायाम शाला के पहलवान हैरत अंगेज करतब दिखाते नजर आए. वहीं सभी श्रद्वालु शोभायात्रा में नाचते गाते चल रहे थे. शोभायात्रा में चारभुजा नृत्य आकृषण का केन्द्र रहा. श्री कृष्ण की जीवन की भावंभगिमाओं के साथ श्रृद्वालुओं ने इस नृत्य की प्रस्तुतिया दी. थाली मान्दल की थाप पर किये जाने वाला यह नृत्य आकृषण का केन्द्र रहा. शोभायात्रा के दौरान कई जगह आरतियां भी की गई.

Last Updated : Sep 10, 2019, 7:31 AM IST

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