कोटा. नगर विकास न्यास ने जयपुर गोल्डन के नजदीक बनने वाली मल्टीस्टोरी पार्किंग के लिए शनिवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की. इस दौरान न्यास का अतिक्रमण निरोधक दस्ता सुबह 5:00 बजे की भारी पुलिस बल के साथ जयपुर गोल्डन पहुंच गया और प्रस्तावित मल्टी स्टोरी पार्किंग की जगह पर वर्षों से मौजूद अतिक्रमण को हटाना शुरू किया.
मल्टी स्टोरी पार्किंग की जगह से अतिक्रमण हटा इस दौरान न्यास के दस्ते ने दोपहर 3:00 बजे तक कार्रवाई जारी रखी. लगातार पांच जेसीबी मशीनें, 10 डम्पर और अन्य संसाधनों की मदद से अतिक्रमण को तोड़ा गया. इसमें कोटा शहर के भीतरी हिस्से के परकोटे की दीवार को भी हटाया गया है. उसी जगह पार्किंग का निर्माण होगा.
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बंद करवा दिया दोनों तरफ का रास्ता
न्यास का अतिक्रमण निरोधक दस्ता और अधिकारी सुबह मौके पर पहुंचे. इसके अलावा नगर विकास न्यास के एसएचओ आशीष भार्गव और उनकी पूरी टीम भी मौजूद रही. साथ ही 100 से ज्यादा न्यास के कार्मिक भी मौके पर थे. इस दौरान विरोध नहीं हो, इसके पहले ही दोनों तरफ के रास्तों को बंद कर दिया गया और इसके बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई.
यूआईटी ने किया था निजी संपत्ति अधिग्रहण
प्रस्तावित मल्टी स्टोरी पार्किंग का शिलान्यास कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने जयपुर से किया था. इसे स्मार्ट सिटी के तहत बनवाया जा रहा है. हालांकि अन्य जगह पर निर्माण काफी रफ्तार से चल रहा है. जबकि यहां पर अतिक्रमण होने के चलते निर्माण शुरू नहीं हो पाया था. यूआईटी ने इस जगह को निजी खातेदार से अधिग्रहित किया था. ऐसे में शनिवार को यूआईटी ने अतिक्रमण हटाने और तोड़ने की कार्रवाई की.
अधिकारी भी पहुंचे मौके पर
अतिक्रमण की कार्रवाई को देखते हुए योजना के अनुसार सेक्रेटरी राजेश जोशी, उप सचिव चंदन दुबे, बीके तिवारी और तहसीलदार रामकल्याण यादवेंद्र मौके पर पहुंचे. इसके अलावा कोटा शहर पुलिस के उपाधीक्षक तृतीय रामकल्याण मीणा के साथ कैथूनीपोल, मकबरा और रामपुरा कोतवाली थाने का पूरा जाब्ता मौजूद था. करीब 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी कार्रवाई के दौरान मौजूद रहे.
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पहले सख्ती से खाली करवाया
यूआईटी ने नोटिस दे दिया था कि इतनी तारीख के पहले खाली कर ले. ऐसे में कुछ लोगों ने खाली नहीं किया. जब सुबह न्यास का अतिक्रमण निरोधक दस्ता मौके पर पहुंचा, तो पहले उनके सामानों को यहां से खाली करवाया और शिफ्ट करवाया गया. इसके बाद अचानक ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए पूरे अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया और जमीन को अपने कब्जे में ले लिया.