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पूर्व विधायक गुंजल और उनके भाइयों समेत 40-50 लोगों के खिलाफ राजकार्य में बाधा और कर्मियों को धमकाने का मुकदमा दर्ज - राजस्थान न्यूज

कोटा के पूनिया देवरी में यूआईटी की ओर से देवनारायण कैटल योजना लॉन्च की गई थी. जिसके बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को भी अंजाम दिया गया था. वहीं, अतिक्रमण की कार्रवाई में पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल की भी जमीन आ रही है. जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया था. इस मामले में अब यूआईटी सचिव राजेंद्र सिंह कैन ने पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल और अन्य 40-50 लोगों के खिलाफ अनंतपुरा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है. जिसमें पूर्व विधायक पर राजकार्य में बाधा डालने और सरकारी कर्मचारियों को धमकाने का आरोप लगाया गया है.

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यूआईटी ने पूर्व विधायक के खिलाफ दर्ज कराया FIR

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Published : Jun 26, 2020, 11:23 AM IST

कोटा.यूआईटी ने पूनिया देवरी में देवनारायण कैटल योजना लॉन्च की है. जिसके लिए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई भी 2 दिन पहले की गई थी. इसमें कुछ खातेदारों की जमीन भी आ रही है, जिन्होंने अपनी सहमति यूआईटी को दी है और कुछ खातेदारों ने सहमति नहीं दी है.

यूआईटी ने पूर्व विधायक के खिलाफ दर्ज कराया FIR

बता दें कि इस मामले में पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल की भी जमीन आ रही है. ऐसे में वे भी विरोध करने यूआईटी के निर्माण कार्य को रुकवाने के लिए पुनिया देवरी पहुंचे थे. साथ ही उनकी बहस यूआईटी के अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ भी हो गई थी. इस मामले में यूआईटी ने देवनारायण पशुपालन योजना की जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में बाधा डालने और अधिकारियों को धमकाने को लेकर यूआईटी सचिव राजेंद्र सिंह कैन ने पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल और अन्य 40-50 लोगों के खिलाफ अनंतपुरा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है. जिसको पुलिस ने दर्ज कर लिया है.

राज कार्य में बाधां डालने का लगा आरोप

बता दें कि इस एफआईआर में राजकार्य में बाधा डालने और सरकारी कर्मचारियों को धमकाने का आरोप पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल पर लगाया गया है. इसमें प्रहलाद गुंजल के अलावा उनके भाई श्री लाल गुंजल और दयाल गुंजल के साथ श्रवण, कल्याण, गणेश और सत्यनारायण को भी आरोपी बनाया है.

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हालांकि इस मामले में पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने भी पत्रकार वार्ता आयोजित करते हुए यूआईटी के अधिकारियों को माफिया बताया था. साथ ही कहा था कि वो पुलिस के सहारे उनकी जमीन पर ही सड़क निकालना चाह रहे हैं, जबकि उन्होंने इसके लिए सहमति नहीं दी है.

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