कोटा: यूआईटी (Urban Improvement Trust, Kota ) ने रविवार सुबह लोगों की आंख खुलने से पहले ही अपना हथौड़ा चला दिया. ट्रस्ट ने अतिक्रमण निरोधक दस्ते के साथ गोबरिया बावड़ी में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. इसमें करीब 40 से ज्यादा मकानों को ध्वस्त कर दिया गया. किसी विरोध या अनहोनी की आशंका को देखते हुए करीब 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी और यूआईटी (UIT) के कार्मिक मौके पर पहुंचे. जिन्होंने गोबरिया बावड़ी चौराहे के नजदीक पहले से चिन्हित आबादी के मकानों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया.
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नगर विकास न्यास की औचक कार्रवाई ने सबको हैरान कर दिया. लोग जैसे ही रविवार सुबह उठे उम्मीद से उलट उन्हें अतिक्रमण निरोधक दस्ते का प्रहार देखने को मिला. उन लोगों के ही मकान और दुकानों पर कार्रवाई की गई है, जिन्होंने सहमति से इन्हें सरेंडर कर दिया था.
कार्रवाई के दौरान ट्रस्ट और पुलिस प्रशासन का पूरा अमला मौके पर था. कोटा शहर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण जैन, सभी डिप्टी एसपी, कई थानाधिकारी, नगर विकास न्यास के उप सचिव चंदन दुबे, मोहनलाल प्रतिहार, डिप्टी जसवीर मीणा और सीआई आशीष भार्गव मौजूद रहे. हालांकि पुलिस अधिकारियों के मुताबिक उन्हें किसी भी तरह के विरोध का सामना नहीं करना पड़ा.
क्यों हुई कार्रवाई?
आपको बता दें कि नगर विकास न्यास ने स्मार्ट सिटी के तहत 25 करोड़ रुपए की लागत से गोबरिया बावड़ी चौराहे पर अंडरपास और चौराहे का निर्माण करवाया है. इसके चलते चौराहा पहले से ज्यादा चौड़ा हो गया. ऐसे में पास के लेन निर्माण के लिए मकानों और दुकानों का अधिग्रहण की योजना बनाई गई. कई लोगों ने इसके लिए असहमति जताई तो कुछ ने सहमति. नगर विकास न्यास की रविवार सुबह की कार्रवाई केवल सहमति वाले लोगों की प्रॉपर्टी पर चली.