राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

Tie breaking method for JEE Main: टाई ब्रेकिंग क्राइटेरिया में परिवर्तन से मेडिकल एंट्रेस के स्टूडेंट्स चिंतित

इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन 2022 के टाई ब्रेकिंग क्राइटेरिया में बदलाव किए गए हैं. रैंकिंग के लिए एज और एप्लीकेशन नंबर को भी क्राइटेरिया में जोड़ा गया है. इस नए नियम ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2022 की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को चिंतित कर दिया है. विशेषकर टॉपर्स विद्यार्थी इस क्राइटेरिया (Tie breaking method for NEET UG 2022) के लागू किए जाने की संभावना से ज्यादा चिंतित है.

Tie breaking method for NEET
Tie breaking method for NEET

By

Published : Mar 3, 2022, 9:26 PM IST

Updated : Mar 3, 2022, 9:34 PM IST

कोटा.नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने हाल ही में जेईई मेन 2022 का इंफॉर्मेशन ब्रोशर जारी किया था. जिसके तहत टाई ब्रेकिंग क्राइटेरिया में बदलाव किए गए हैं. रैंकिंग के लिए एज और एप्लीकेशन नंबर को भी क्राइटेरिया में जोड़ा (Tie breaking method added in JEE Main 2022) गया है. हालांकि वर्तमान में केवल इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा पर ही यह गाइडलाइन जारी की गई है, लेकिन इस नए नियम ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2022 की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को चिंतित कर दिया.

विशेषकर टॉपर्स विद्यार्थी इस क्राइटेरिया के लागू किए जाने की संभावना से अधिक चिंतित हैं. एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि एज टाई ब्रेकिंग क्राइटेरिया के आधार पर यदि दो या अधिक विद्यार्थियों में टाई होता है, तो अधिक उम्र वाले विद्यार्थी को बेहतर रैंक प्रदान की जाती है. इसके लागू नहीं किए जाने पर समान रैंक प्रदान की जाती है. शर्मा ने बताया कि वर्ष 2020 तक नीट यूजी में एज टाई ब्रेकिंग क्राइटेरिया का नियम लागू था, लेकिन वर्ष 2021 में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इसे हटा दिया था.

पढ़ें:JEE Main 2022 परीक्षा अप्रैल और मई महीने में होगी

इसे हटाए जाने का कारण यह था कि कई राष्ट्रीय स्तर के शिक्षाविदों और विशेषज्ञों ने क्राइटेरिया को अतार्किक बताया था. साथ ही सुझाव दिया था कि किसी भी प्रवेश परीक्षा में बेहतर रैंक निर्धारित करने का आधार सिर्फ एकेडमिक परफॉर्मेंस होना चाहिए. उम्र आधार नहीं मानना चाहिए. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इन्हीं तर्क को मान्यता देते हुए एज टाई ब्रेकिंग क्राइटेरिया को हटा दिया था. देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन 2020 में यह नियम लागू था. जिसे 2021 में हटा लिया गया था. अब यह नियम 2022 में फिर से लागू किया गया है. ऐसे में परीक्षार्थियों को चिंता महसूस हो रही है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी जेईई मेन 2022 की तर्ज पर मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2022 में भी लागू न कर दें.

पढ़ें:JEE Main 2022: इस बार कई बदलाव, जानें टाई ब्रेकिंग का वो नियम जिसे Expert कह रहे 'अजीबोगरीब'!

टाई रिजोल्व नहीं होने पर रैंक अलॉटमेंट की समस्या : नीट यूजी 2021 के परीक्षा परिणाम में एज टाई ब्रेकिंग क्राइटेरिया लागू नहीं होने के कारण 3 विद्यार्थियों को रैंक 1 दी गई. तीनों स्टूडेंट्स का 720 का परफेक्ट स्कोर था. देव शर्मा ने बताया कि इसी तरह 520 में से 715 अंक लाने वाले स्टूडेंट्स के आंकड़े में 12 विद्यार्थी थे. इन सभी विद्यार्थियों को 5 ऑल इंडिया रैंक प्रदान की गई. यदि एज टाई ब्रेकिंग क्राइटेरिया लागू होता तो, इन सभी विद्यार्थियों को उम्र के अनुसार रैंक मिलती. ऐसे में 12 विद्यार्थियों को 5वीं रैंक एक साथ नहीं मिल पाती.

पढ़ें:JEE Main 2022 : इस बार 2 Attempt में होगी जेईई मेन परीक्षा, पहला 16 अप्रैल और दूसरा 24 मई से, शुरू हुए आवेदन

समान रैंक होने पर काउंसलिंग एजेंसियों को सीट अलॉटमेंट प्रोसेस के दौरान काफी मशक्कत कर विशेष व्यवस्था करनी पड़ती है. सीट अलॉटमेंट प्रोसेस के दौरान काउंसलिंग एजेंसी की इस समस्या को समाप्त करने के लिए एज टाई ब्रेकिंग क्राइटेरिया लागू किया जाता है. एक्सपर्ट का मानना है कि इससे रैंक व सीट अलॉटमेंट सुविधाजनक हो जाता है, लेकिन यह नियम तार्किक नहीं है. इसके विकल्पों पर चर्चा करनी चाहिए.

Last Updated : Mar 3, 2022, 9:34 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details