कोटा.कोविड-19 के मरीजों के लिए ऑक्सीजन संजीवनी बनी हुई है. लगातार कोटा के 5 प्लांट ऑक्सीजन जनरेशन कर रहे हैं, जिनमें से दो लिक्विड ऑक्सीजन के हैं, जबकि तीन ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट हैं. इनमें से एक साथ तीन ऑक्सीजन के प्लांट ब्रेक डाउन हो गया, जिससे कोविड-19 मरीजों की मुसीबत खड़ी हो सकती है. इन प्लांटों के जल्दी सुचारू करने के लिए स्टाफ और इंजीनियर लगे हुए हैं. अगर लगातार यह कुछ और घंटे बंद रहते हैं तो कोटा में निजी और सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए मुसीबत का सबब बन सकते हैं.
इस जानकारी के बाद कोटा जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है. साथ ही लगातार ऑक्सीजन की मॉनिटरिंग कर रहे अधिकारी भी इन ऑक्सीजन प्लांट ऊपर पहुंच गए हैं. जिनमें खुद प्रशिक्षु आईपीएस मृत्युंजय सिंह और ऑक्सीजन सप्लाई की पूरी व्यवस्था देख रहे सीनियर रीजनल मैनेजर एसके गर्ग शामिल है. कोटा में जहां पर दिन भर में करीब 2400 के आसपास ऑपरेशन के सिलेंडर भरे जाते हैं. इनमें से 500 ऑक्सीजन सिलेंडर की रिफलिंग अभी तक कम हुई है, जिससे कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों तक भी असर इनका पहुंचेगा. बंद हुए प्लांटों को दुरुस्त करने के लिए कोटा ऑक्सीजन प्लांट के इंजीनियरों जितेंद्र राठौड़, ड्रग कंट्रोल ऑफिसर रोहिताश्व नागर और निशांत बघेरवाल भी पहुंचे हैं.
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