राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

प्रदेश में पटरी पर लौटने लगा ब्लड डोनेशन, कोरोना संक्रमण में ब्लड बैंक हो गए थे खाली - Jaipur news

कोरोना काल में ब्लड बैंक (blood donation) में खून की कमी आ गई थी. अब ब्लड डोनेशन कैंप शुरू हो चुके हैं. ऐसे में धीरे-धीरे ब्लड की कमी पूरी हो रही है.

blood donation camp in Rajasthan, Jaipur news
राजस्थान में ब्लड डोनेशन कैंप शुरू

By

Published : Oct 18, 2021, 7:29 PM IST

जयपुर.कोविड-19 संक्रमण के दौरान ब्लड बैंकों में ब्लड की कमी आ गई थी. इस दौरान ब्लड की मांग भी कोविड-19 संक्रमण के चलते घट गई थी लेकिन जब हालात सामान्य होने लगे और अस्पताल सुचारु रूप से शुरू हुए तो ब्लड की कमी का सामना करना पड़ा. मौजूदा समय की बात करें तो कोविड-19 संक्रमण के मामले कम होने के साथ ही अब ब्लड डोनेशन कैंप शुरू हो चुके हैं. धीरे-धीरे ब्लड की कमी पूरी होती नजर आ रही है.

राजस्थान में हर साल करीब 8 लाख यूनिट ब्लड की आवश्यकता पड़ती है. ऐसे में आज भी कुछ भ्रांतियां लोगों के मन में हैं. जिसके चलते लोग ब्लड डोनेट करने से डरते हैं. कोविड-19 संक्रमण के दौरान प्रदेश में आयोजित होने वाले ब्लड डोनेशन कैंप एकाएक बंद हो गए थे. जब अस्पतालों मे अचानक ब्लड की मांग बढ़ी तो कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा.

राजस्थान में ब्लड डोनेशन कैंप शुरू

डॉक्टरों का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान लगभग 50 से 60 प्रतिशत ब्लड बैंक खाली हो गए. एकाएक मांग बढ़ने के साथ ही स्थितियां बिगड़ने लगी लेकिन इस दौरान अस्पतालों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से फिर से ब्लड डोनेशन के कार्यक्रम आयोजित किए गए. मौजूदा समय की बात करें तो एक बार फिर ब्लड डोनेशन पटरी पर लौटने लगा है.

यह भी पढ़ें.डेंगू की चपेट में जयपुर : अबतक 1332 हुए संक्रमित, बीते साल के मुकाबले मामलों में 3 गुना बढ़ोतरी

प्रदेश में तकरीबन सरकारी और प्राइवेट 151 से अधिक ब्लड बैंक खोले जा चुके हैं. जिसमें 56 ब्लड बैंक स्टेट गवर्नमेंट, 5 सेंट्रल गवर्नमेंट और तकरीबन 90 से अधिक प्राइवेट ब्लड बैंक प्रदेश में संचालित हैं. इन ब्लड बैंकों से हर साल 10 लाख से अधिक यूनिट ब्लड एकत्रित किया जाता है.

बीते 1 साल में ब्लड डोनेशन प्रभावित

बीते साल मार्च में प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के मामले देखने को मिले थे. जिसके बाद पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लगा दिया गया था. इस दौरान रक्तदान और इससे जुड़े कार्यक्रम प्रभावित हुए. आमतौर पर हर साल तकरीबन 10 लाख यूनिट से अधिक ब्लड एकत्रित किया जाता है लेकिन बीते 1 साल में इसका आंकड़ा घटा है.

बीते साल करीब 6000 रक्तदान शिविर ही आयोजित हो पाए. जिसमें तकरीबन 7 लाख यूनिट रक्त एकत्रित किया गया. मौजूदा समय की बात करें तो सितंबर महीने तक करीब 4 हजार से अधिक ब्लड डोनेशन कैंप लगाए जा चुके हैं. जिसमें तकरीबन 5 लाख यूनिट ब्लड एकत्रित किया गया है.

यह भी पढ़ें.डेंगू से डरें मत: बुखार में प्लेटलेट्स कम होना चिंता की बात नहीं, मरीज के बीपी और पल्स पर रखें विशेष ध्यान : डॉ. सुभाष चंद्र गुप्ता

आंकड़ों से पता चलता है कि कोविड-19 संक्रमण से पहले बड़ी मात्रा में ब्लड डोनेशन कैंप और अन्य माध्यम से ब्लड एकत्रित किया जाता था लेकिन संक्रमण के बाद इसमें कमी देखने को मिली है.

थैलेसीमिया और कैंसर रोगियों को जरूरत

ब्लड की सबसे अधिक जरूरत थैलेसीमिया (Thalassemia) से पीड़ित और कैंसर से जूझ रहे मरीजों को पड़ती है. ऐसे में सरकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से समय-समय पर ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित किए जाते हैं. जिससे जरूरतमंद मरीजों तक ब्लड पहुंच सके. हाल ही में प्रदेश में डेंगू के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में मरीजों को प्लेटलेट्स के लिए ब्लड डोनर्स की आवश्यकता भी पड़ने लगी है.

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल की बात की जाए तो यहां स्थित ब्लड बैंक में करीब 10 हजार यूनिट ब्लड संग्रहित किया जा सकता है. वहीं अब तक अकेले SMS अस्पताल की ओर से साल 2019 में जहां 51 हजार यूनिट से अधिक ब्लड एकत्रित किया गया था. वहीं साल 2020 में करीब 34000 यूनिट ब्लड एकत्रित हो पाया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details