कोटा. जेके लोन अस्पताल में लगातार बच्चों की मौत हो रही है, लेकिन अस्पताल में सुधार नजर नहीं आ रहा है. अस्पताल के वार्ड, लैब और ऑपरेशन थिएटर में चूहों का भी आतंक है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा लगातार बना रहता है.
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वार्ड और ओटी के बाहर इतनी गंदगी रहती है कि साफ-सफाई भी ठीक से नहीं हो पाती है. चूहों के आतंक की वजह से ही संक्रमण फैलने का खतरा पूरे अस्पताल में है. ये खतरा भर्ती प्रसूता और नवजात शिशुओं पर भी मंडराता रहता है. चूहे वार्डों और ओपीडी के बाहर सामान्य तौर पर ही घूमते नजर आते हैं.
इसके अलावा अस्पताल में पूरे परिसर में निर्माण कार्य के चलते जगह भी नहीं है. मुख्य दरवाजे को बंद किया हुआ है और एमबीएस सेंटर लैब के पास से एक दरवाजा खोल कर मरीजों को प्रवेश किया जा रहा है.
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अस्पताल में जगह-जगह पर परिसर में गंदगी पड़ी रहती है और आवारा जानवर भी यहां पर आमतौर पर घूमते हुए देखे जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ अस्पताल में साफ सफाई के लिए करीब 100 से ज्यादा लोगों का स्टाफ तैनात है जो पूरे अस्पताल परिसर की साफ सफाई की जिम्मेदारी संभालते हैं, लेकिन मॉनिटरिंग नहीं होने के चलते अस्पताल में गंदगी के ढेर जगह-जगह लगे रहते हैं. इस संबंध में पूरा अस्पताल प्रबंधन ही अस्पताल प्रबंधन भी लाचार ही नजर आता है.
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बता दें कि जेके लोन अस्पताल में बीते 2 दिनों में 14 नवजात शिशुओं की मौत हुई है. इसके अलावा दिसंबर के महीने में अब तक 33 नवजात इलाज के दौरान मर गए हैं. वहीं, पूरे साल में 922 नवजातों की मौत हुई है. पिछले साल दिसंबर महीने में 963 नवजात शिशु की मौत हुई थी. जिसे लेकर काफी हंगामा हुआ था. जिसके बाद राज्य सरकार ने व्यवस्थाओं में सुधार का दावा भी किया था.