कोटा. मेडिकल कॉलेज के श्वास रोग विशेषज्ञों ने बताया कि देश में टीबी रोग इस कदर फैल रहा है कि हर एक मिनट में 3 लोगों की जिंदगी समाप्त हो रही है, लेकिन इसके प्रति भारत के लोगों में अभी भी जागरूकता नहीं आई है. सरकार की ओर से टीबी उन्मूलन के लिए प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं. भारत को टीबी मुक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुहिम छेड़ रखी है, लेकिन उसके बाद भी रोज अस्पतालों में टीबी के मरीज आ रहे हैं.
जागरूकता की कमी से टीबी बन रहा जानलेवा वहीं, सरकार की ओर से रोगियों को दवा मुफ्त दी जा रही है. स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की निगरानी में रोगी को अस्पताल लाया जाता है. उनका संपूर्ण इलाज किया जाता है. इलाज के दौरान रोगी को 500 रुपए मासिक भत्ता भी दिया जाता है. टीबी के इलाज के दौरान बलगम की जांच और दवाईयां निःशुल्क दी जाती है, लेकिन आज भी लोग जागरूकता की कमी के चलते टीबी की बीमारी का इलाज नहीं करा पाते हैं, जिसकी वजह से लगातार मोत हो रही है.
कोरोना वायरस पर इस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि हमें अपने व्यवहार में बदलाव लाना चाहिए. कोरोना वायरस भी सामान्य सर्दी खांसी जुकाम के वायरस की तरह है. इससे ग्रसित लोगों को खांसते छीकते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए और अपने हाथों को साफ करना चाहिए, जिससे यह रोग ज्यादा नहीं फैले.
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टीबी के बारे में चिकित्सकों ने कहा कि टीबी एक संक्रमित बीमारी है, जो भारत के अलावा विश्व में कई देशों में फैली हुई हैं. डॉक्टरों का कहना है कि भारत में करीब एक करोड़ लोगों में से पच्चीस लाख लोग टीबी के चपेट में है और रोज एक मिनट में तीन लोगों की मौत इस बीमारी से हो रही है. केवल इस बीमारी का इलाज ही बचाव है. डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वायरस बढ़ते हुए तापमान के साथ स्वतः ही खत्म हो जाएगा.