कोटा.शहर को 2 हजार करोड़ रुपए के कार्य से अलग छवि नगर विकास न्यास स्मार्ट सिटी के तहत दे रहा है. चौराहों पर जहां पर क्रॉसिंग थे, वहां फ्लाईओवर और अंडरपास बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा चौराहों को सुंदर भी बनाया जा रहा है. कोटा शहर के एंट्री प्वाइंट विवेकानंद सर्किल को 22 करोड़ रुपए से बदलकर हेरिटेज लुक दिया जा रहा है. यहां आस-पास की सभी दुकानों को भी हेरिटेज लुक में समा दिया जाएगा. साथ ही 1000 करोड़ रुपए से रिवर फ्रंट भी तैयार हो रहा है. इन सबकी डिजाइन आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया ने तैयार की है. ईटीवी भारत ने विशेष बातचीत अनूप भरतरिया से की.
बातचीत में आर्किटेक्ट अनूप ने बताया कि उनका कोटा से पुराना रिश्ता है. पहले भी सेवन वंडर पार्क और अन्य कई जगह पर ब्यूटीफिकेशन के काम उन्होंने किए हैं. उन्होंने बताया कि जो काम 2021 दिसंबर तक पूरा करने का प्लान है. यह एक तरह से पूरे कोटा का लेवल वर्ल्ड सिटीज में बहुत ऊपर पायदान पर ले आएगा. कोटा एक बहुत बड़ा टूरिज्म सेंटर बनने जा रहा है. कोटा का इतिहास है कि इंडस्ट्रीज सिटी था, धीरे-धीरे की इकोनॉमी को कोचिंग और एजुकेशन ने टेकअप कर लिया और अब टूरिज्म की तरफ बढ़ा रहे हैं. यह टूरिज्म के लिए है और कोटा वासियों के लिए भी है. पर्यटन में बहुत अच्छी पहचान राजस्थान की है. टूरिज्म के गोल्डन ट्रायंगल में जयपुर, आगरा व दिल्ली हैं, लेकिन वह कोटा नहीं आते हैं, तो जितना टूरिस्ट पापुलेशन इंडिया में आ रहा है. उसको कोटा कैसे फर्स्ट चॉइस बनाएं, उसके लिए रिवर फ्रंट और एरोड्रम सर्किल पर टॉवर्स ऑफ लिबर्टी बन रहे हैं. यह अपने आपमें कोटा का फेस होगा और इसको देखने के लिए आएंगे.
भरतरिया का मानना है कि किसी भी प्रोजेक्ट की सक्सेज उसको टाइम लाइन में पूरा करना भी होती है. कोटा के इंजीनियरिंग, एडमिनिस्ट्रेटिव और कांट्रेक्टर तीनों इसमें जुटे हुए हैं. भरतरिया ने कहा कि मैं देश के 10 शहरों को डिजाइन कर रहा हूं, लेकिन मुझे पॉजिटिव फीलिंग कोटा में आती है. यहां सब लोग कमिटमेंट के साथ काम कर रहे हैं और पूरी आशा है कि जो टाइमलाइन हमने सेट की है, उसमें ही काम पूरा होगा.
लाइफ लाइन बन जाते हैं रिवर फ्रंट...
आर्किटेक्ट भरतरिया का मानना है कि रिवर फ्रंट शहर की लाइफ लाइन बन जाते हैं. जहां भी विश्व में रिवर फ्रंट बने हैं, वह शहर की आत्मा होते हैं. चंबल कोटा की बड़ी नदी है. उस पर रिवर फ्रंट बन रहा है. यह भी कोटा की लाइफ लाइन होगा. यहां चंबल माता के स्टेच्यू है. जो वाइट मार्बल में बन रही है लोगों को वहां पर टाइम जोन बन रहा है, जहां पर सोलर घड़ी है. विश्व की सबसे बड़ी बेल बन रही है, जो अपने आप में एक अनुभव होगा. वर्ल्ड हेरिटेज स्ट्रीट, राजस्थान हेरिटेज स्ट्रीट, साहित्य चौक व स्प्रिचुअल घाट बन रहा है. गीता की नॉलेज को किस तरह से लोगों तक पहुंचे, उस पर भी कार्य हो रहा है. बच्चों के लिए जगह फाउंटेंस है, लगुन है, म्यूजिक लवर्स के लिए है. एकेडमिक लोगों के लिए है, जो पढ़ाई करना चाहते हैं. शहर की सोसाइटी की अलग अलग रिक्वायरमेंट होती है. उन सभी को हम रिवर फ्रंट पर शौक की चीजें पाएगी.
ट्रैफिक मैनेजमेंट सिटी भी कोटा का नाम ऊपर होगा...