कोटा. जिले में सुपरवाइजर और कंप्यूटर ऑपरेटर आशा सहयोगिनी से 2500 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ धरे गए. एसीबी ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दीगोद पर यह कार्रवाई की. इनमें आरोपी सुपरवाइजर शकीला बानो और कंप्यूटर ऑपरेटर सत्य प्रकाश सुमन को गिरफ्तार किया गया है. रिश्वत की राशि आशा सहयोगिनी को मानदेय की जारी राशि और टीए-डीए के चेक जारी करने की एवज में ली गई थी.
एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि उन्हें 20 अप्रैल को शिकायत मिली थी. परिवादी आशा सहयोगिनी के पद पर कार्यरत है. उसे इंसेंटिव, मानदेय और टीए-डीए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दीगोद से दिया जाता है. आशा सुपरवाइजर शकीला बानो ही पीएचसी दीगोद पर अकाउंट से संबंधित सभी काम करती है. हर आशा सहयोगिनी को 7048 रुपए के चेक जारी किए गए थे. इन चेक के बदले शकीना बानो और कंप्यूटर ऑपरेटर सत्य प्रकाश सुमन ने आधी राशि यानी 3500 रुपए आशा सहयोगिनी से रिश्वत की मांग की.
इस परिवाद का सत्यापन 23 अप्रैल को करवाया गया. सत्यापन करते समय आरोपियों ने 1000 रुपए प्राप्त किए. साथ ही सौदा 3500 में तय किया. हालांकि कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते कोरोना के केस बढ़ गए, जिसके चलते कार्रवाई नहीं हो सकी. मंगलवार को एसीबी ने ट्रैप कार्रवाई की. जिसमें परिवादी ने आरोपियों को रिश्वत की बची हुई राशि 2500 रुपए दी. परिवादी का इशारा मिलते ही एसीबी की टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.