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कोटा में ACB का एक्शन : आशा सहयोगिनी के मानदेय की आधी राशि रिश्वत के तौर पर ली...सुपरवाइजर, कंप्यूटर ऑपरेटर गिरफ्तार - Supervisor arrested in Kota bribery case

कोटा एसीबी की टीम ने मंगलवार को जिले के दीगोद में कार्रवाई करते हुए आशा सुपरवाइजर और कंप्यूटर ऑपरेटर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.

ACB action in Kota
कोटा में ACB का एक्शन

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Published : Jun 1, 2021, 3:38 PM IST

Updated : Jun 1, 2021, 9:16 PM IST

कोटा. जिले में सुपरवाइजर और कंप्यूटर ऑपरेटर आशा सहयोगिनी से 2500 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ धरे गए. एसीबी ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दीगोद पर यह कार्रवाई की. इनमें आरोपी सुपरवाइजर शकीला बानो और कंप्यूटर ऑपरेटर सत्य प्रकाश सुमन को गिरफ्तार किया गया है. रिश्वत की राशि आशा सहयोगिनी को मानदेय की जारी राशि और टीए-डीए के चेक जारी करने की एवज में ली गई थी.

कोटा में ACB का एक्शन

एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि उन्हें 20 अप्रैल को शिकायत मिली थी. परिवादी आशा सहयोगिनी के पद पर कार्यरत है. उसे इंसेंटिव, मानदेय और टीए-डीए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दीगोद से दिया जाता है. आशा सुपरवाइजर शकीला बानो ही पीएचसी दीगोद पर अकाउंट से संबंधित सभी काम करती है. हर आशा सहयोगिनी को 7048 रुपए के चेक जारी किए गए थे. इन चेक के बदले शकीना बानो और कंप्यूटर ऑपरेटर सत्य प्रकाश सुमन ने आधी राशि यानी 3500 रुपए आशा सहयोगिनी से रिश्वत की मांग की.

इस परिवाद का सत्यापन 23 अप्रैल को करवाया गया. सत्यापन करते समय आरोपियों ने 1000 रुपए प्राप्त किए. साथ ही सौदा 3500 में तय किया. हालांकि कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते कोरोना के केस बढ़ गए, जिसके चलते कार्रवाई नहीं हो सकी. मंगलवार को एसीबी ने ट्रैप कार्रवाई की. जिसमें परिवादी ने आरोपियों को रिश्वत की बची हुई राशि 2500 रुपए दी. परिवादी का इशारा मिलते ही एसीबी की टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

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एसीबी ने कार्रवाई करते हुए 2500 रुपए आरोपियों से बरामद किए. साथ ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इस कार्रवाई में पुलिस निरीक्षक चंद्रकंवर, नरेश चौहान, वरिष्ठ सहायक दिलीप सिंह, कांस्टेबल देवेंद्र सिंह, मुकेश सैनी, योगेंद्र सिंह, मनोज शर्मा, हेमंत सिंह, शबाना बानो और सरोज गौड़ शामिल रहे.

एक ने की शिकायत, राशि सबसे लेती थी

एसीबी के इंस्पेक्टर चंद्र कंवर का कहना है कि आशा सहयोगिनी की सुपरवाइजर शकीला बानो हर आशा सहयोगिनी से रिश्वत ले रही थी. उन्हें 7048 रुपए मिले थे. जबकि इनमें से आधी राशि 3500 रुपए वह बतौर रिश्वत उनसे ले चुकी थी. केवल एक आशा सहयोगिनी ने उसकी शिकायत की और इस शिकायत पर ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कार्रवाई करते हुए शकीला बानो को रिश्वत की राशि के साथ रंगे हाथों ट्रैप कर लिया.

Last Updated : Jun 1, 2021, 9:16 PM IST

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