कोटा.जिले के सुल्तानपुर में खांकि का मानवीय चेहरा सामने आया जहा पुलिस की सजगता से एक परिवार से बिछड़े एक मानसिक विक्षिप्त अधेड़ को फिर से परिवार मिल गया. इस दौरान पुलिस का मानवता भरा चेहरा भी देखने को मिला.
सुल्तानपुर थाना सीआई अंजना नोगिया ने बताया कि रविवार को यहां वह सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत दोपहर के समय पेट्रोल पंप पर नाकाबंदी कर रहे थे इसी दौरान कोटा की ओर से एक संदिग्ध अधेड़ पैदल घूमता हुआ मिला.
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जिससे पूछताछ करने पर वह कुछ नहीं बोल पाया. काफी तरह से पूछने का प्रयास किया गया लेकिन फिर भी अधेड़ कुछ नहीं बोल पाया. इसके बाद कॉन्स्टेबल रामकरण चौधरी ने उसकी मानसिक विक्षिप्त स्थिति को देखते हुए उसे चाय, पानी पिलाया और अल्पाहार करवाया. उसे भरोसे में लेकर हाथ मे पेन देकर परिचित के नम्बर, गांव का नाम लिखने का प्रयास किया.
अधेड़ ने उल्टे सीधे तरीके से कुछ नम्बर और नाम लिखे. इस के बाद कॉन्स्टेबल रामकरण ने एक से 10 तक की कागज में गिनती लिखकर उनमें नंबरों के आधार पर अधेड़ से मोबाइल नंबर चुनने को कहा. आधे घण्टे की मशक्कत के बाद जैसे-तैसे कर नंबर चिन्हित कर अधेड़ की ओर से एक मोबाइल नंबर लिखा गया. जिस पर पुलिस ने फोन किया तो वह नम्बर सीकर के नीमकाथाना निवासी सुभाष नाम के युवक का निकला.