कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET UG 2022) में हुई गड़बड़ियों को लेकर अब तक कोई अपडेट नहीं है. इस पूरे मामले पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने चुप्पी साध रखी है. जिन विद्यार्थियों के परीक्षा केंद्रों पर गड़बड़ी हुई थी, वह चिंतित हैं कि परीक्षा दोबारा होगी या नहीं.
इस मामले में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से किसी भी तरह का कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं. परीक्षा 17 जुलाई को हुई थी. इससे पहले 16 जुलाई को एक सर्कुलर स्टूडेंट्स को एग्जाम की गाइडलाइन को लेकर जारी किया था. इसके बाद से कोई अपडेट एनटीए की वेबसाइट पर नहीं दिया है. जबकि परीक्षा को हुए 20 दिन से ज्यादा का समय हो चुका है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी जब तक इन पर निर्णय नहीं करती है, इसके चलते प्रोविजनल आंसर की से लेकर रिजल्ट और मेडिकल काउंसलिंग तक अटकी रहने की आशंका है. साथ ही वाला मेडिकल एजुकेशन का सत्र भी देरी से शुरू होने की संभावना है.
जेईई मेन में कोर्ट की शरण के बाद दोबारा परीक्षाः नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से आयोजित जेईई मेन 2022 परीक्षा के जून सेशन में कुछ विद्यार्थियों की कंप्यूटर बंद होना और तकनीकी खामी के चलते परेशानी हुई थी. ऐसे विद्यार्थी न्यायालय में गए थे, जिनमें शिकायत करीब 550 स्टूडेंट्स की थी. उनमें से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 254 स्टूडेंट को 30 जुलाई को अतिरिक्त सेशन आयोजित कर दोबारा परीक्षा दिलवाई है. जबकि नीट में हजारों विद्यार्थियों के सेंटरों पर गड़बड़ी हुई है, जिनमें कोटा, गंगानगर, नागौर, मध्य प्रदेश के भिंड, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर, प्रतापगढ़, बिहार के नालंदा और महाराष्ट्र के औरंगाबाद आदि स्थान शामिल है. कोटा के लोगों ने इस संबंध में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से भी मध्यस्थता करने की मांग की है.
विद्यार्थियों के साथ न्याय संगत व्यवहार होःकोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि किसी भी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा के आयोजन में पारदर्शिता होना चाहिए. विद्यार्थियों के हित व न्याय संगत कार्य होना चाहिए. एनटीए की गलती के चलते ही गलत माध्यम के पेपर बांट दिए गए थे. इसके अलावा भी कई गड़बड़ियां देशभर के सेंटर पर हुई हैं. अब इनका खामियाजा स्टूडेंट को भुगतना पड़ रहा है. उनके पेरेंट्स भी तनाव में हैं. सभी संशय की स्थिति में हैं कि क्या दोबारा परीक्षा होगी? उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी परेशानी यह है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी चुप्पी साधी हुई है.