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Special: जिस वर्ग को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाना चाहते हैं PM मोदी, उसे ही बजट के बारे में कुछ नहीं पता - जीएसटी

ईटीवी भारत ने बजट को लेकर एक रोचक पड़ताल की है. इस पड़ताल में हमनें समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से बजट को लेकर बातचीत की. यहां ईटीवी ने यह जानने का प्रयास किया, कि ये लोग बजट के बारे में कितना जानते हैं.

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बजट को लेकर ईटीवी की विशेष पड़ताल

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Published : Jan 31, 2020, 3:38 PM IST

कोटा. केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा. बजट पेश करने की जिम्मेदारी होगी वित्त मंत्री निर्मला सितारमण की. इस बजट से देश के करोड़ों लोगों की उम्मीदें जुड़ी हैं. लगातार बढ़ती महंगाई को लेकर देश की जनता दबाव में है. मंदी के कारण व्यापार जगत पहले से ही सदमे में है. लगातार होती आलोचनाओं के बीच सरकार का प्रयास यही रहेगा कि आम जनता को कुछ राहत दी जाए.

बजट को लेकर ईटीवी की विशेष पड़ताल

शिक्षा, व्यापार, प्रौद्योगिकी, मनोरंजन, बैंकिंग, सेवा क्षेत्र से जुड़े लोग अपने-अपने फायदों को लेकर बजट से उम्मीद लगाए बैठे हैं. वहीं इसी समाज में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें बजट को लेकर न तो कोई उत्सुकता है, और न ही कोई सरोकार. इतना ही नहीं इन्हें तो यह भी नहीं मालूम की बजट का मतलब भी क्या होता है.

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ईटीवी भारत ने बजट को लेकर एक ऐसी ही रोचक पड़ताल की. इस पड़ताल में हमनें समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से बजट को लेकर बातचीत की. यहां ईटीवी ने यह जानने का प्रयास किया, कि ये लोग बजट के बारे में कितना जानते हैं.

जिन लोगों से हमनें बात की उनमें सफाईकर्मी से लेकर सब्जी वाला, रिक्शा चालक, मजदूर और छोटे दुकानदार शामिल रहे. इन सभी ने एक ही स्वर में कहा, कि उन्हें सुबह उठकर अपनी मेहनत मजदूरी करना होता है. उन्हें तो सिर्फ अपने काम के घंटों के बारे में पता है और बस उन्हें उसी से मतलब है. इन लोगों ने साफ शब्दों में कहा, कि उन्हें बजट, टैक्स और जीएसटी के बारे में कुछ नहीं पता.

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बढ़ाई जानी चाहिए तनख्वाह....

कई लोगों ने कहा, कि उन्हें बस अपनी तनख्वाह से मतलब है, और वो काफी कम है, उसे बढ़ाया जाना चाहिए. वर्तमान में जितनी महंगाई है उस अनुपात में तनख्वाह नहीं मिलती. ऐसे में घर चलाना काफी मुश्किल होता है.

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