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स्पेशल रिपोर्ट: कोटा में नहरों और माइनरों की स्थिति बिल्कुल बदहाल, हमेशा हादसा होने का डर बना रहता है

कोटा में नहरों और माइनरों की मरम्मत नहीं होने के चलते यह जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच गई है. कई माइनर और नहर तो सड़क के नजदीक से गुजर रही हैं. ऐसे में वहां पर दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है, क्योंकि माइनर की दीवार टूटी हुई है और सड़क बिल्कुल नजदीक है. ऐसे में अंधेरे या फिर तेज गति से चलते हुए वाहन उसमें गिरकर क्षतिग्रस्त हो सकते हैं.

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Published : Nov 6, 2019, 1:10 PM IST

Kota news, condition of canals in kota

कोटा.शहर की दाईं और बाईं मुख्य नहर में किसानों को रबी की फसल के लिए पानी छोड़ा जा रहा है. लेकिन नहरों और माइनरों की मरम्मत नहीं होने के चलते उनकी स्थिति बेहद खराब है. कई जगहों पर माइनर और नहरें सड़क के बिल्कुल नजदीक से होकर गुजर रही हैं. ऐसे में वहां पर दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है, क्योंकि माइनर की दीवार टूटी हुई है और सड़क बिल्कुल नजदीक है. ऐसे में अंधेरे या फिर तेज गति से चलते हुए वाहन उसमें गिरकर क्षतिग्रस्त हो सकते हैं. साथ ही रिसाव होने के चलते सड़क के नीचे का हिस्से से मिट्टी हट गई है, जो कभी भी धंस सकती है. ऐसे में कई जगह पर एक्सीडेंटल पॉइंट बन गए हैं, जहां कभी भी दुर्घटना हो सकती है.

कोटा में जीर्ण-शीर्ण नहरी तंत्र दुर्घटनाओं का अंदेशा

थेगड़ा से बोरखेड़ा जा रही माइनर के हालात तो ऐसे हैं कि उसकी सफाई भी नहीं हुई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि माइनर की सफाई करने एक दिन जेसीबी तो आई थी. लेकिन दो-तीन जगह से केवल कचरा निकाल कर चली गई है. इन लोगों ने आरोप लगाया है कि सीएडी के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार कर घोटला किया है.

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6 महीने बंद रही, नहीं हुई दुरुस्त

नहरी तंत्र पिछले 6 माह से बंद था. अब उसमें पानी प्रभावित कर दिया गया है, लेकिन बंद के समय इसको दुरुस्त करवाया जाता है. दीवारों और हेड की मरम्मत की जाती है, लेकिन ऐसा कुछ भी कमांड एरिया डेवलपमेंट विभाग ने नहीं किया है. हालात ऐसे हैं कि मुख्य नहर से लेकर वितरिकाएं, माइनर, झाड़ियां, कचरे और मलबे से अटे पड़े हैं. छोटी नहर अधिक पानी होने से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है.

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लोगों ने ही बना दी नहर की बाउंड्री

दीवार टूटने से वितरिका और माइनर क्षतिग्रस्त है. नदी तंत्र के लिए जिम्मेदार सीएडी के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. ऐसे में दुर्घटना के अंदेशे और खतरे के चलते लोगों ने खुद ही इसकी बाउंड्री करा दी है, ताकि दुर्घटनाएं नहीं हो. लोगों ने तारों की फेंसिंग और सीमेंट के पिलर खड़े करवा दिए हैं. साथ ही कई जगह पर कांटों की बाउंड्री भी बनाई गई है. ताकि किसी को कोई नुकसान नहीं हो.

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जल्द करवाएंगे सफाई

सीएडी के अधिकारियों का कहना है कि सफाई का कार्य जारी है. शहरी एरिया में जो नहर आती है, वहां पर अर्बनाइजेशन होने से यूआईटी और नगर निगम में सड़के बना दी है. ऐसे में आसपास के लोग घरों में काफी मात्रा में कचरा डाल रहे हैं. इसलिए नहर चलने के नजदीक ही इसकी सफाई करवाई जाती है. किशनपुरा तकिया जाने वाली माइनर की सफाई जल्द ही करवाएंगे.

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