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Sogaria Railway Station Revenue : करोड़ों रुपए खर्च करके बनाया सोगरिया स्टेशन, रोज 20 यात्री करते हैं सफर...राजस्व 1100 रुपए

करोड़ों की लागत से तैयार सोगरिया स्टेशन रेलवे की मंशा को पूरा करता नजर नहीं आ रहा है. इस स्टेशन पर केवल एक मेमू ट्रेन MEMU train stoppage on Sogaria) का ही ठहराव है. स्टेशन के निर्माण में करोड़ों रुपए खर्च किए गए, लेकिन राजस्व के नाम पर हर दिन 1100 रुपए मिल रहा है.

Sogaria Railway Station Revenue
करोड़ों रुपए खर्च करके बनाया सोगरिया स्टेशन

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Published : Feb 2, 2022, 10:12 PM IST

कोटा. रेल मंडल के सबसे बड़े स्टेशन कोटा जंक्शन का भार कम करने के लिए (Trains Running Through Kota Station) नगरीय स्टेशन के रूप में सोगरिया को तैयार करवाया गया है. लेकिन रेलवे स्टेशन पर न तो ट्रेनों का ज्यादा ठहराव होता है, न ही यहां पर यात्री भार स्टेशन को मिल पा रहा. सोगरिया स्टेशन पर 24 घंटे में कोटा-बीना के बीच चलने वाली मेमू ट्रेन को अप और डाउन रूट पर ही यहां पर रोका जाता है.

सुबह करीब 8:30 बजे के आसपास एक ट्रेन आती है. इसी तरह से शाम के समय भी यही मेमू ट्रेन बीना से कोटा आते समय रूकती है. जबकि सोगरिया स्टेशन से भोपाल-जोधपुर, कोटा-इंदौर इंटरसिटी और जबलपुर अजमेर के मध्य चलने वाली दयोदय एक्सप्रेस अप व डाउन रूट से होकर गुजरती है, लेकिन इन ट्रेनों का ठहराव नहीं है. इसके अलावा कई साप्ताहिक ट्रेनें भी यहां होकर गुजरती हैं.

क्या है सोगरिया स्टेशन की स्थिति और क्या कहते हैं यात्री....

इसके चलते स्टेशन पर न तो ज्यादा रेवेन्यू मिल रहा है और न ही यात्रियों की ज्यादा आवाजाही हो रही है. ऐसे में स्टेशन यात्रियों की भी मांग है कि ट्रेनों की संख्या (Demand to Increase Number of Trains on Sogaria) यहां पर बढ़ाई जाए. करोड़ों रुपए की लागत से तैयार किए गए इस स्टेशन का लोकार्पण भी 5 जनवरी को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने किया था.

27 दिन में कटे 467 टिकट : सोगरिया स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव नहीं होने के चलते स्टेशन पर यात्रियों की आवाजाही काफी कम है. टिकट विंडो से मिले डाटा के अनुसार 5 से 31 जनवरी के बीच 27 दिन में केवल 467 टिकट ही काटे गए हैं. इन टिकट से 28,965 रुपए का राजस्व मिला है. जबकि 561 पैसेंजर ने यात्रा इन टिकट के जरिए की है. औसत यात्री भार देखा जाए तो करीब 20 यात्री प्रति दिन आ रहा है. वहीं, रेवेन्यू 1100 रुपए रोज का अनरिजर्व्ड टिकट से मिल रहा है.

नहीं दिए जाते झालावाड़ की तरफ की ट्रेनों के टिकट : सोगरिया से केवल बीना की तरफ जाने वाले ट्रेन के ही टिकट कटते हैं. कोटा की तरफ तो टिकट भी नहीं कटे हैं. मेमू ट्रेन कोटा-झालावाड़ सिटी के बीच भी संचालित किया जाता है, लेकिन बुकिंग में सीधा कोटा से झालावाड़ सिटी की तरफ जाने वाली मेमू ट्रेन का टिकट नहीं दिया जाता है, क्योंकि उसका नंबर अलग हो जाता है. ऐसे में बीना की तरफ से आने वाली मेमू ट्रेन का सोगरिया के बाद अंतिम स्टॉपेज 2 किलोमीटर दूर कोटा जंक्शन है. ऐसे में उधर की तरफ कोई टिकट नहीं कटा है.

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स्टेशन पर 4 मिनट के लिए रूकती है ट्रेनें : स्टेशन पर सुबह 8:30 बजे के आस पास ट्रेन पहुंचती है. इसके बाद में दूसरी ट्रेन शाम को 6:30 बजे के आसपास आती है. सुबह 8:30 बजे ट्रेन के गुजरने के बाद 10 घंटे तक कोई ट्रेन नहीं रहती है. शाम की ट्रेन गुजरने के बाद अगले 14 घंटे तक कोई ट्रेन यहां पर नहीं आती है. यहां आने वाली मेमू ट्रेन के स्टॉपेज भी केवल दो 2 मिनट के ही रखे गए हैं. जबकि स्टेशनों पर पर्याप्त यात्री सुविधाएं विकसित की गई हैं. हेरिटेज लुक में पूरा Heritage Look of Station in Kota) स्टेशन बनाया है.

27 में से 6 दिन ऐसे, जब नहीं बना एक भी रिजर्वेशन टिकट : रिजर्वेशन काउंटर की स्थिति यह है कि 27 दिनों में से 6 दिन ऐसे थे, जब एक भी व्यक्ति टिकट बनवाने यहां पर नहीं पहुंचा. इनमें से 10, 16, 20, 23 और 30 जनवरी शामिल हैं, जब एक भी रुपए का रेवेन्यू रेलवे को यहां रिजर्वेशन टिकट से नहीं मिला है. जबकि सोगरिया स्टेशन पर खोले गए रिजर्वेशन काउंटर पर रविवार को टिकट नहीं बनते हैं. स्टेशन पर उद्घाटन के बाद 5 से लेकर 31 जनवरी के बीच यहां पर 185 पैसेंजर के 115 टिकट ही बनाए गए हैं. इनसे रेलवे को 36,620 रुपए की आय हुई है.

रोज केवल 20 यात्री करते हैं सफर...

टिकट विंडो पर 7 आदमियों को लगाया : रेलवे ने उद्घाटन के समय यहां पर 7 कार्मिकों को टिकट बुकिंग विंडो पर लगाया था. इनमें पांच बुकिंग क्लर्क, एक रिजर्वेशन क्लर्क और एक सुपरवाइजर शामिल था. वर्तमान में यहां पर एक ही व्यक्ति की ड्यूटी लगाई हुई है. यहां पर पदस्थापित किए गए तीन बुकिंग क्लर्क में से 2 को वापस कोटा जंक्शन भेज दिया गया है. ऐसे में रविवार के दिन यहां पर रिजर्वेशन टिकट नहीं बनते हैं.

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ट्रेनों को बाइपास करने से बचेगा का समय : रेलवे ने जिस मंशा से सोगरिया स्टेशन को तैयार करवाया है. उसमें बीना की तरफ से आने वाली ट्रेनों को सीधा जयपुर व बूंदी, चित्तौड़गढ़ की तरफ बाइपास किया जा सकता है. इसमें साप्ताहिक ट्रेनें भी शामिल हैं. इससे कोटा जंक्शन पर इंजन बदलने में लगने वाला समय भी कम हो जाएगा. सीधी ट्रेनों को बाइपास करने से समय की बचत भी होगी. साथ ही कोटा जंक्शन की जगह यात्री सोगरिया से ट्रेन को पकड़ सकेंगे और यहां पर उतर सकेंगे. कोटा जंक्शन दिल्ली-मुंबई रेल लाइन पर होने से मालवाहक गाड़ियां अभी यहां से ज्यादा गुजरती हैं. ये लगातार बढ़ रही हैं.

ऐसे में जंक्शन पर जगह नहीं मिलने के चलते आउटर पर कई गाड़ियां खड़ी रहती हैं. यात्री गाड़ियों को भी कोटा जंक्शन के नजदीक ही स्थित सोगरिया स्टेशन से चलाया जा सकता है. इनमें उदयपुर-शालीमार, बीकानेर-पुरी, विशाखापट्टनम-भगत की कोठी, भगत की कोठी-अंबावरम, मदार-कोलकाता और अजमेर-संतरागाछी ट्रेन साप्ताहिक ट्रेनें शामिल हैं. इसके अलावा जोधपुर भोपाल ट्रेन सहित आधा दर्जन ट्रेनें शामिल हैं. रेलवे के सीनियर डीसीएम अजय कुमार पाल का कहना है कि उन्होंने दो अन्य रेलगाड़ियों को रोकने के लिए प्रपोजल रेलवे बोर्ड को भेजा हुआ है. वहीं से अनुमति मिलने के बाद में गाड़ियों के स्टॉपेज सोगरिया स्टेशन पर बढ़ा दिए जाएंगे.

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