कोटा.कोविड-19 का असर कम हुआ है, लेकिन उसके साथ ही ब्लैक फंगस संक्रमण महामारी भी अपनी जड़ें जमा रही है. कोटा के एमबीएस अस्पताल में डेडीकेटेड वार्ड शुरू किया गया है. जिसके फुल हो जाने के बाद एक और वार्ड मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने शुरु करवा दिया है. जिसमें भी अभी एक दो मरीजों को भर्ती किया गया है. साथ ही लगातार मरीज भी सामने आ रहे हैं.
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के अनुसार अब तक 56 मरीज यहां पर भर्ती हो चुके हैं. वहीं वर्तमान में करीब 40 मरीज एमबीएस अस्पताल में उपचार करवा रहे हैं. इनमें से 5 मरीजों की मौत चार के दौरान हुई है. हालांकि निजी अस्पताल भी ब्लैक फंगल महामारी के मरीजों के ऑपरेशन कर रहे हैं. साथ ही निजी अस्पतालों में हुई मरीजों का रिकॉर्ड भी अभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पास नहीं है.
निजी अस्पताल में करवाया ऑपरेशन, दवा नहीं मिली तो सरकारी में हुए भर्ती
एमबीएस अस्पताल के ब्लैक फंगस वार्ड में 10 मरीज ऐसे भी भर्ती हैं, जिन्होंने कोटा शहर के निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस का ऑपरेशन करवाया, लेकिन उसके बाद लगने वाला एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन उन्हें वहां नहीं मिल पा रहा था. इसके चलते निजी अस्पतालों ने उन्हें सरकारी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. जिसके बाद वे एमबीएस अस्पताल में अच्छा उपचार ले रहे हैं. हालांकि अभी भी दवाओं का टोटा बना हुआ है. चिकित्सकों का कहना है कि यहां पर एक मरीज को 4 से 5 सौ इंजेक्शन चाहिए होते हैं. जबकि सरकारी सप्लाई में ही 50 इंजेक्शन उन्हें मिले हैं. ऐसे में यह भर्ती 40 मरीजों के लिए कम हैं.