कोटा.शहर एसपी केसर सिंह शेखावत ने शहर के गुमानपुरा थाने के निरीक्षक लखन लाल मीणा और सहायक उप निरीक्षक रेहाना अब्बास को निलंबित कर दिया (SHO and ASI suspended in Apeksha group chit fund case) है. यह कार्रवाई बहुचर्चित अपेक्षा ग्रुप चिटफंड कंपनी घोटाले के आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुई करोड़ों के गबन की सैकड़ों एफआईआर के मामले से जुड़ा है. जिसमें पुलिस हिरासत में मौजूद अपेक्षा ग्रुप के निदेशकों को रजिस्ट्रार ऑफिस भेजकर जमीनों के कागजात के हेरफेर और बिकवाने में मदद करने का आरोप लगा है. इस मामले में सीआई मीणा और एएसआई रेहाना पर आरोपियों से साठगांठ के आरोप लगे हैं. जिसमें भ्रष्टाचार का भी अंदेशा है.
एसपी केसर सिंह शेखावत ने बताया कि अपेक्षा ग्रुप का केस रजिस्टर्ड है. निवेशकों के साथ करोड़ों की धोखाधड़ी हुई है. पुलिस निरीक्षक लखन लाल मीणा और एएसआई रेहाना अब्बास के खिलाफ गंभीर अनियमितता सामने आई हैं. कस्टडी में मुलजिम थे और रजिस्ट्रार ऑफिस भेज कर जमीनों की रजिस्ट्री करा दी. परिवादियों के मुकदमे सीधे तौर पर दर्ज नहीं कर रहे थे. इसके साथ ही न्यायालय में जमानत का विरोध नहीं किया. जमानत अर्जी के दौरान न्यायालय में पूरे तथ्य प्रस्तुत नहीं किए गए हैं. इस पूरे मामले में जांच के दौरान भी गंभीर अनियमितताएं बरती गई है. जिसका सीधा लाभ आरोपियों को मिला है और उनकी न्यायालय से जल्द जमानत दी हुई है.
इस संबंध में शेखावत ने कहा कि आरोपियों की जमानत होने के बाद पुलिस उप अधीक्षक अमर सिंह राठौड़ से मामले की जानकारी ली थी. जिसमें कई तथ्य सामने आए थे. इसके बाद मैंने स्वयं संज्ञान लेते हुए लेते हुए कार्रवाई की है. इसके बाद पूरे प्रकरण की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय राजेश मील को सौंप दी है और इस मामले में अन्य जितने भी पुलिसकर्मियों की संलिप्तता सामने आएगी, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.