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क्राइम स्टोरी: कोटा में एक बार फिर गैंगवार, ये शिवराज के चार गुर्गे जिन्होंने रणवीर चौधरी को गोलियों से किया छलनी

कोटा एक बार फिर गैंगवार के खून से लाल हो उठा. रविवार शाम को श्रीनाथपुरम स्टेडियम के मैन गेट पर वर्चस्व के लिए खूनी खेल को अंजाम दिया और महावीर नगर इलाके के हिस्ट्रीशीटर रणवीर चौधरी पर अंधाधुंध गोलिया से भून दिया. बदमाशों ने रणवीर पर करीब 20 राउंड फायर किए. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. अब पुलिस ने इस हत्याकांड में चार आरोपियों को नामजद किया है. यह चारों बदमाश शिवराज गैंग के गुर्गे हैं. जानिए कौन है ये चारों आरोपी, देखिए इस क्राइम स्टोरी है...

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Published : Dec 24, 2019, 7:26 PM IST

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कोटा में हिस्ट्रीशीटर रणवीर चौधरी पर अंधाधुंध गोलिया से भूना

कोटा. हिस्ट्रीशीटर रणवीर चौधरी की गैंगवार में नृशंस हत्या को अंजाम दिया गया है. इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को नामजद किया है. यह चारों बदमाश शिवराज गैंग के गुर्गे हैं. जुर्म दुनिया के चारों में खौफनाक चेहरे है. जिन्होंने अपने वर्चस्व के लिए रविवार की शाम खूनी खेल को अंजाम दिया और महावीर नगर इलाके के हिस्ट्रीशीटर रणवीर चौधरी को अंधाधुंध फायरिंग में मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने पीर मोहम्मद, अजय हाड़ा, हारून और टीपू को नामजद किया है.

कोटा में हिस्ट्रीशीटर रणवीर चौधरी पर अंधाधुंध गोलिया से भूना

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जेल के बाहर गैंग को लीड करता है अज्जू
दरअसल, हत्याकांड में शामिल चारों बदमाश शिवराज सिंह के ग्रुप में हैं. जिनमें मुख्य किरदार है. अजय सिंह हाडा उर्फ अज्जू, जो शिवराज गैंग को लीड करता है. जो कि फिलहाल भानु हत्याकांड मामले में शिवराज पिछले 9 साल से जेल में बंद है. ऐसे में जेल के बाहर की दुनिया में यह अजय सिंह हाडा उर्फ अज्जू बना ही शिवराज के मंसूबों को अंजाम देता है और कलेक्शन का काम करता है. जानकारों के मुताबिक कोटा पीडब्ल्यू ऑफिस के ठेकों में इस अज्जू का भारी दबदबा रहता है और यहां अजय हाड़ा उर्फ अज्जू की मर्जी के बिना कोई पत्ता भी नहीं हिला सकता है. अज्जू भानु हत्याकांड में भी शिवराज के साथ शामिल रहा है.

अपराधी पीर मोहम्मद और हारून अली

ये बाप बेटे भी गैंग का सदस्य
रणवीर हत्याकांड का दूसरा खौफनाक चेहरा है, पीर मोहम्मद उर्फ पीरू भाई. यह शख्स भी आतंक का पर्याय है और शिवराज सिंह का खास गुर्गा है. भानु हत्याकांड में पीरू भी केस में शामिल रहा है. फिलहाल पीरू जेके लोन अस्पताल में कैंटीन संचालन का काम करता है, लेकिन घटना के बाद से जेके लोन अस्पताल की कैंटीन में ताला लगा हुआ है और पीरू फरार है. पुलिस को वारदात में जो स्कॉर्पियो गाड़ी शिवपुरा के निकट से बरामद हुई है. वह पीर मोहम्मद पीरू भाई की बताई जा रही है. वहीं इस मामले में तीसरा नाम हारून अली का सामने आ रहा है यह पीरू अली पीर मोहम्मद का ही बेटा है, हारून अली पीडब्ल्यूडी में भी रजिस्टर्ड ठेकेदार है.

अपराधी टिंकू खान

टिंकू हाल ही में गैंग में शामिल
इस हत्याकांड में चौथा नाम जो सामने आ रहा है वह है टिंकू खान का है. यह उद्योग नगर थाना इलाके का रहने वाला है और प्रॉपर्टी के छोटे-मोटे काम करता है. हाल ही में शिवराज की गैंग में शामिल हुआ है. टिंकू का कोई पुराना अपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है, लेकिन टिंकू बड़ा महत्वाकांक्षी है और जल्द ही कामयाब होना चाहता है. इस काम में उसकी मदद अजय सिंह हाडा उर्फ अज्जू कर रहा है

रणवीर सिंह के खिलाफ 16 मामले दर्ज
रणवीर सिंह शहर के महावीर नगर थाने का हिस्ट्रीशीटर था. उसके खिलाफ 16 मामले दर्ज हैं. रणवीर अक्सर जमीनों के विवादास्पद मामले डील करता था. वह बारां जिले के अंता का रहने वाला था. कोटा में वह टीचर्स कॉलोनी में रहता था. रणवीर इन दिनों कुख्यात भानू गैंग को लीड कर रहा था. ऐसे में प्रॉपर्टी कई मामलों में शिवराज गैंग से रणवीर का आमना-सामना भी हुआ. संभवत इसी वर्चस्व की लड़ाई के चलते रविवार की शाम आरकेपुरम थाना इलाके में श्रीनाथपुरम स्टेडियम के बाहर शिवराज के गुर्गों ने 20 राउंड फायर रणवीर की मौत के घाट उतार दिया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक 15 गोलियां रणवीर सिर, कंधे और छाती पर लगी है.

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मृतक था भानु गैंग का सदस्य
मृतक रणवीर भानु प्रताप गैंग का सदस्य था. कोटा में भानु प्रताप और शिवराज की गैंग के बीच विवाद काफी समय से चल रहा है. शिवराज के बड़े भाई बृजराज सिंह की हत्या 12 मई 2009 को चित्तौड़गढ़ के मेनाल इलाके में भानु प्रताप सिंह ने अपनी गैंग के साथ मिलकर कर दी थी. शिवराज ने इसी हत्या का बदला लेने के लिए भानु प्रताप को जब पुलिस उदयपुर सेंट्रल जेल से झालावाड़ पेशी के लिए 18 अप्रैल 2011 को लेजा रही थी, तभी बिजोलिया इलाके में मेनाल के पास ही दो गाड़ियों में आए गैंगस्टर शिवराज, सूरज भदौरिया व अन्य ने भानु प्रताप को ले जा रही. पुलिस वैन को पीछे से टक्कर मार दी. इसके बाद अंधाधुंध फायरिंग कर भानूप्रताप व दो कमांडो प्रकाश व सोहनलाल की हत्या कर दी थी.

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