कोटा.शहर के बीच से गुजर रही चंबल नदी की पुलिया पर रविवार को कार हादसा (Chambal River Car Accident) हो गया, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई. हादसे पर लोगों ने तर्क दिया है कि चंबल नदी की रियासत कालीन पुलिया पर रेलिंग होती तो हादसे को रोका जा सकता था. इस पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल असहमत हैं.
शांति धारीवाल का कहना है कि (Dhariwal on chambal river car accident) चंबल की पुलिया जैसी थी वैसी ही है. पुलिया पर रेलिंग कभी नहीं थी. कहना तो अच्छा नहीं लगता है, लेकिन इस हादसे का कोई और ही कारण है. वहां से तो ट्रैफिक बराबर चल रहा है. हर पुलिया पर इस तरह की रेलिंग हो जरूरी भी नहीं है, रेलिंग इतनी मजबूत भी नहीं होती है. कई बार वाहन रैली में को भी तोड़कर आगे चले जाते हैं. जब बड़े भारी बिजली के खंभे भी वाहनों की टक्कर से टूट जाते हैं, तो रेलिंग कैसे बचेगी. ऐसे में इस हादसे का कारण कुछ और ही है.
पुलिया पर रेलिंग लगाने की बात करने वाले लोग गलत- शांति धारीवाल दिवाली के पहले कोटा का नया स्वरूप आएगा सामने :धारीवाल ने कोटा में चल रहे विकास कार्यों का जायजा लेने के बाद यह भी कहा कि क्वालिटी का काम होने के चलते उसमें देर लगती है. हम प्रयास कर रहे हैं कि अच्छा क्वालिटी वाला काम समय से पूरा हो. शहर में चल रहे कई काम फिनिशिंग स्टेज पर हैं और कुछ कामों में अभी करीब छह महीने लगेंगे. ऐसे में दिवाली के पहले पहले कोटा एकदम नया नजर आएगा, केवल रिवरफ्रंट का काम बाकी रह जाएगा.
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केडीए और कमिश्नरेट का मिल सकता है तोहफा :यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राजस्थान का बजट बेहतर होगा. आम आदमी भी इस बार बजट की तारीफ करेंगे. उन्होंने कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी और कमिश्नरेट के मुद्दे पर संभावना जताते हुए कहा कि हो सकता है सरकार इस बजट में इनकी घोषणा कर दें. केडीए बनने से कोटा को काफी फायदा मिलेगा. जब अजमेर डेवलपमेंट अथॉरिटी बन सकती है, तो कोटा भी बन सकता है.
रिवरफ्रंट का पार्ट -2 बजट में की बजट में घोषणा के सवाल पर कहा कि इस बार के बजट में भी उसकी घोषणा हो सकती है या फिर अगले साल के बजट में भी हो जाएगी. वर्तमान में रिवर फ्रंट पार्ट -1 के अनुसार ही करवा रहे हैं. यह काम खत्म होने के बाद ही आगे का काम शुरू होगा.
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यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि मिनी सचिवालय के लिए में स्पष्ट पक्ष में हूं कि वह एयरपोर्ट की जमीन पर बनाया जाए. यहां 144 एकड़ जमीन है. इनमें से आठ से 9 एकड़ में ही मिनी सचिवालय बनाया जा सकता है. यह शहर के बीचो-बीच जगह आ गई है, ऐसे में पब्लिक ओपिनियन भी देख रहे हैं. कुछ लोग इसके पक्ष में भी नहीं है. मेरा मानना है कि यह आइडियल पैलेस है.