कोटा. शिक्षा की काशी कोटा ने कोविड संक्रमण के भयावह दौर में मानवता की सेवा में नई मिसाल पेश कर एक बार फिर केयर सिटी के रूप में पहचान कायम की है. जिला प्रशासन के निर्देशन में निजी करियर इंस्टीट्यूट और चिकित्सा विभाग ने शहरवासियों को कोविड संक्रमण काल में संजीवनी देने के लिए 30 अप्रैल से कोविड केयर सेंटर कोटा यूनिवर्सिटी में शुरू किया. 26 मई तक चले इस सेंटर में कोविड से लड़ाई पूरे जोश, जुनून और जज्बे से लड़ी गई.
सकारात्मक माहौल में अच्छा इलाज
चिकित्सकों ने मरीजों को बेहतर उपचार दिया. स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी की टीम ने अपनापन, घर जैसा माहौल और पौष्टिक आहार के साथ सकारात्मक ऊर्जा देकर स्वस्थ रखने का प्रयास किया. परिणाम भी उत्साहजनक और सुखद आए. मरीज जल्द ठीक होकर घर पहुंचे.
रंग लाई मेहनत
इस कोविड केयर सेंटर में 27 दिनों में 502 मरीज इलाज करवाने पहुंचे, जिनमें कोविड संक्रमित के साथ-साथ सस्पेक्टेड भी थे. केयर सेंटर के तय मापदंडों के आधार पर प्रवेश दिए गए. जीवन बचाने से लेकर मरीज को स्वस्थ करने का हर संभव प्रयास किया गया. प्रयासों के परिणाम अच्छे रहे. धीरे-धीरे मरीजों की संख्या कम होने लगी. यह संख्या अधिकतम 135 प्रतिदिन से घटकर पिछले 3 दिनों से 25 रह गई और लगातार घटती गई. अंतिम दिन 12 मरीज भर्ती थे.
मरीजों के परिजनों ने भी की सराहना
शहर के अन्य बड़े अस्पतालों में सुविधाएं और उपचार की व्यवस्था होने के बाद यहां से 5 मरीजों को न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल शिफ्ट कर दिया गया. 7 मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया. अंतिम दिन मरीजों को सभी चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ और कोचिंग टीम ने तालियां बजाकर विदा किया. मरीजों के साथ उनके तीमारदारों ने भी इस कोविड केयर सेंटर में मिली सुविधाओं को सराहा. यहां की स्वच्छता, केयरिंग, उपचार और आहार की तारीफ की.
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विपरीत दौर में बेहतर पहल
जिला कलक्टर उज्जवल राठौड़ ने कहा कि एक महीने पहले जब दौर विपरीत था तो यह पहल बहुत आवश्यक थी. बड़ी संख्या में मरीज आ रहे थे. माइल्ड केसेज के लिए शुरू किए इस सेंटर से लोगों को कुछ राहत मिली. इसमें सभी का सहयोग मिला तो स्थितियों में सुधार हुआ. इसके अलावा भी जिला प्रशासन द्वारा अन्य इंतजाम किए गए. हमें उम्मीद है जल्द ही हालात सामान्य होंगे और सभी स्वस्थ होंगे.
सकारात्मक ऊर्जा से जल्द होते हैं स्वस्थ
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल डॉ. विजय सरदाना ने कहा कि चिकित्सक अपना बेस्ट देने की कोशिश करते हैं. मरीज को प्राथमिक तौर पर उपचार की ही आवश्यकता होती है लेकिन यदि सकारात्मक गतिविधियां आस-पास होती हैं तो इसका सीधा असर मरीज के स्वास्थ्य पर होता है. मरीज का ध्यान बीमारी से हटता है और वह अच्छा सोचता है. यह सोच और सकारात्मकता उसे जल्द स्वस्थ होने में मदद करती है. इस आदर्श कोविड केयर सेंटर में सकरात्मक माहौल दिया गया, जिससे यहां मरीज जल्द स्वस्थ हुए.
मानवता की सेवा का मौका मिला
निजी करियर इंस्टीट्यूट के निदेशक नवीन माहेश्वरी ने कहा कि यह हम सभी का सौभाग्य है कि हमें मानवता की सेवा का मौका मिला. जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग का पूरा सहयोग रहा और स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी की टीम ने कंधे से कंधा मिलाकर लोगों की सेवा के प्रयास किए. चाहे योग करवाना हो या आरती करवानी हो, निर्भय होकर स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी की टीम आगे आई. मरीजों को परिवार की तरह समझा. यही कारण रहा कि कोविड केयर सेंटर ज्यादा समय तक संचालित नहीं करना पड़ा.
कोविड काल में मिसाल
कोटा यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. नीलिमा सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन का प्रस्ताव आया. हमने भी स्वीकृति दी. इसमें निजी कोचिंग का बहुत अच्छा सपोर्ट रहा. विपरीत हालातों में सभी के संयुक्त प्रयासों से ही आगे बढ़ा जा सकता है. अच्छा लगता था, जब मरीज जल्द स्वस्थ होकर यहां से जा रहे थे. कोटा यूनिवर्सिटी के लिए भी ये सेवा का मौका यादगार रहेगा.