कोटा. दिगंबर जैन समाज के संत आचार्य विद्यासागर महाराज की बायोपिक फिल्म 'अन्तर्यात्री महापुरुष - द वॉकिंग गॉड' का रविवार (Screening of The Traveling Legend The Walking God in kota) को कोटा में प्रमोशन रखा गया. इसका प्रमोशन झालावाड़ रोड स्थित एक मल्टीप्लेक्स में किया गया. इसमें प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के साथ आचार्य विद्यासागर महाराज के बड़े भाई महावीर अष्टगे पूरे परिवार के साथ मौजूद रहे. प्रमोशन के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए आचार्य विद्यासागर महाराज की बायोपिक फिल्म के निर्देशक अनिल कुचेरिया ने बताया कि फिल्म में आचार्य विद्यासागर महाराज के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को तीन पार्ट में दिखाने का प्रयास किया गया है.
फिल्म में 9 गाने भी जोड़े गए हैं. इसकी स्क्रिप्टिंग में 3 महीने लगे जिसे धैर्य सागर महाराज और विद्या सागर महाराज के भाई महावीर अष्टगे के निर्देशन में लिखी गई है. निर्देशक अनिल कुचेरिया का कहना है कि बूंदी जिले के नैनवा में जब महाराज के दर्शन किए उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा. निर्देशक अनिल कुचेरिया का कहना है कि फिल्म बनाने के दौरान उन्होंने जैन धर्म का पालन किया. इससे उनके व्यवहार में भी बदलाव आ गया है. इस फिल्म को लेकर सीधी शर्त थी कि कोई भी यूनिट का व्यक्ति शराब या मांस का सेवन नहीं कर सकता, उन्हें जैन धर्म का पालन करना होगा. इसको लेकर मुंबई वाले बदनाम थे, लेकिन हमने इसका विशेष ध्यान रखा है.
जैन संत आचार्य विद्यासागर महाराज की बायोपिक का कोटा में प्रमोशन सह निर्माता उमेश मल्हार और आनंद राठी कोटा, संगीतकार सतीश देहरा, गीतकार सुधाकर शर्मा और मुख्य कलाकार विवेक मिश्रा सहित अन्य ने भी यही बात दोहराई है. इस फिल्म के लिए गीतकार सुधाकर शर्मा का कहना है कि सभी की लाइफ इस फिल्म के बाद बदल गई. उन्होंने 9 गाने विद्या सागर महाराज को सुनाएं. सहमति जताने के बाद ही इन्हें फिल्म में जोड़ा गया. इस फिल्म को करने के बाद मैं 1000 भजन लिख चुका हूं. ये मेरे लिए उपलब्धि है. हर महीने 10 से 12 भजन में लिख रहा हूं.
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दूसरा पार्ट की तैयारी 3 महीने बाद होगी शुरू
फिल्म के निर्देशक अनिल कुचेरिया का कहना है कि सामान्य फिल्म को 6 महीने में बना लेते हैं, जिसमें 2- 2 माह शूटिंग और 2 माह पोस्ट प्रोडक्शन में लगते हैं. जबकि इस फिल्म में 4 साल का समय लगा है. बीच में कोरोना आ जाने के चलते भी दिक्कत हुई. इस बायोपिक फिल्म का दूसरा पार्ट भी बनाया जाएगा. अभी आचार्यश्री के जन्म के पहले से उनके दीक्षा लेने तक के हिस्से को फिल्म में दर्शाया गया है. इस फिल्म के रिलीज होने के 3 महीने बाद अगली फिल्म की स्क्रिप्ट तैयार की जाएगी. इस फिल्म को तैयार करने में ही करीब 4 साल का समय लग गया है.
फिल्म का बजट करीब 6 से 7 करोड़ है, जबकि शुरुआत में हमने इसका बजट 12 करोड़ के आसपास आंका था. इसकी ऑल इंडिया रिलीज 4 जुलाई को रखी गई है. इसमें उनके जन्म से पहले से लेकर दीक्षा तक का पार्ट दिखाया गया है. हम इस फ़िल्म को जैन धर्म तक नहीं, जन-जन तक पहुंचाना चाहते हैं. दूसरे पार्ट में आचार्य श्री का जन्म राष्ट्र के लिए क्यों जरूरी है, इस पर फिल्म बनाई जाएगी. जिसमें दीक्षा लेने से लेकर वर्तमान तक संत विद्या सागर की जीवनी को दिखाया जाएगा.
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कोटा में हुई शूटिंग, सैकड़ों लोगों ने किया अभिनय
फिल्म निर्देशक अनिल कुचेरिया ने बताया कि कर्नाटक के बेलगांव जिले के सदलगा गांव, गोमटेश्वर बाहुबली, अजमेर किशनगढ़ कोटा जयपुर में भी शूटिंग हुई है. कोटा के डकनिया स्टेशन के नजदीक स्थित एस आर पब्लिक स्कूल में इस फिल्म की शूटिंग हुई. जिसमें बड़ी संख्या में कोटा के लोगों ने भी भागीदारी निभाई है. इस फिल्म में मुख्य तौर पर 150 से 200 कलाकार शामिल किए गए थे, लेकिन छोटे छोटे रोल कोटा के लोगों को भी दिए गए. इनमें जैन और अन्य समाज के लोग शामिल हैं. इन सब लोगों ने जैन समाज के धर्म की पालना की है. इनमें कोटा के नागरिक सहकारी बैंक के चेयरमैन राजेश कृष्ण बिरला, समाजसेवी आनंद राठी, पवन जैन, नीरज जैन और विकास जैन अजमेरा शामिल हैं. इसके अलावा कई परिवार भी इस शूटिंग में शामिल रहे हैं, जिसमें कोटा के दादाबाड़ी के आदिनाथ परिवार के वीरेंद्र, रविंद्र और मनोज जैन सहित अन्य परिजन शामिल रहे हैं.