कोटा. हैगिंग ब्रिज टोल नाके पर विवाद (Ruckus on Kota Hanging Bridge Toll) का मामला सामने आया है. इसमें टोल कार्मिकों और कथित तौर पर पीड़ित पक्ष ने एक दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाया है. इस संबंध में पुलिस ने वाहन चालक की शिकायत पर टोल कार्मिकों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है. साथ ही तीन टोल कर्मियों को 151 में पाबंद भी किया है.
पुलिस की इस कार्रवाई को टोल मैनेजर ने एकतरफा करार दिया है और पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है. इस संबंध में सोशल मीडिया पर एक टोल का सीसीटीवी फुटेज भी वायरल किया गया है. जिसमें पुलिस बल का प्रयोग करती देखी जा सकती है. पुलिस उप अधीक्षक चतुर्थ मुकुल शर्मा ने अपनी सफाई में कहा है कि टोल कार्मिकों का पुलिस पर आरोप अपने बचाव में ही लगाया गया है.
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दरअसल, बारां का एक परिवार सांवलिया सेठ के दर्शन के लिए जा रहा था. इस परिवार ने ज्यादा टोल वसूली और लंबी लाइन की शिकायत की. इस बात पर दोनों में विवाद हो गया और कथित तौर पर टोल कार्मिकों ने परिवार जनों के साथ मारपीट की. इस संबंध में मुकदमा भी आरकेपुरम थाने में दर्ज करा दिया गया है.
टोल मैनेजर की सफाई, घूसखोरी का आरोप
इधर, टोल मैनेजर अजीत चौधरी का कहना है कि टोल प्लाजा पर शुक्रवार देर रात 8:00 बजे के आसपास एक ट्रक चालक ने विवाद शुरु कर दिया. इसमें टोल कार्मिक और ट्रक चालक के बीच में मारपीट भी हो गई. सूचना पर जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उनमें से एक पुलिसकर्मी विक्रम शर्मा ने मैनेदर के साथ मारपीट शुरू कर दी. अजीत चौधरी ने आरोप लगाया है कि विक्रम शर्मा अनावश्यक रुप से उनसे पहले से ही पैसे की मांग कर रहा था. यह पैसे नहीं देने की एवज में ही उसने मारपीट की है. इसके साथ ही विक्रम सिंह का कहना है कि उन्हें बेवजह ही थाने पर ले जाया गया. जहां पर उनके साथ में मारपीट की और कपड़े भी फाड़ दिए है। साथ ही गाली गलौच भी हेड कांस्टेबल विक्रम शर्मा ने की.