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शिक्षक दिवस विशेष: लाखों की फीस न दे पाने वाले स्टूडेंट को अपने जैसा अधिकारी बनाने में जुटे RTO

प्रादेशिक परिवहन अधिकारी प्रकाश सिंह राठौड़ पेशे से शिक्षक तो नहीं है, लेकिन कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते लाखों रुपए बतौर कोचिंग फीस कॉम्पिटिशन एग्जाम या प्रवेश परीक्षाओं में प्रवेश नहीं पाने वाले स्टूडेंट्स को नि:शुल्क कोचिंग वेबसाइट के जरिए उपलब्ध कराने का काम कर रहे हैं. ताकि वे भी उन्हीं की तरह अधिकारी बन सके.

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Published : Sep 4, 2019, 3:21 PM IST

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कोटा.समाज में शिक्षा देने का काम शिक्षकों का होता है. उन पर बच्चों का भविष्य बनाने की जिम्मेदारी होती है. लेकिन कुछ टीचर्स ऐसे भी होते हैं, जो पेशे से शिक्षक तो नहीं होते, लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ऐसा ही काम प्रादेशिक परिवहन अधिकारी प्रकाश सिंह राठौड़ कर रहे हैं. वर्तमान में राठौड़ कोटा में आरटीओ के पद पर तैनात हैं. उन्होंने आर्थिक स्थिति के कमजोर छात्रों को निशुल्क कोचिंग वेबसाइट के जरिए पढ़ाने का जिम्मा उठाया हुआ है, ताकि स्टूडेंट उनके जैसे अधिकारी बन सके.

लाखों की फीस नहीं दे पाने वाले छात्रों के लिए राठौड़ बने वरदान...

मूलतः बाड़मेर जिले के रहने वाले राठौड़ का कहना है कि कोचिंग सेंटर टेस्ट मेथड से स्टडी करवाते हैं. ऐसे में स्टूडेंट्स को वे पहले पढ़ाते हैं और उसके बाद टेस्ट लेते हैं. जिससे उनकी रैंकिंग या स्थिति का सही अंदाजा लग जाता है.

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कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते कई छात्र कोचिंग नहीं कर पाते हैं. ऐसे स्टूडेंट को वे तकनीक की मदद से ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए स्टडी करवा रहे हैं. इसके बाद उनका टेस्ट भी इसमें लिया जाता है. जिससे वह अपनी रैंकिंग का पता लगा सकते हैं. ताकि स्टूडेंट यहां पर अलग-अलग प्रवेश और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकें.

ऐसे कर सकते है वेबसाइट को एक्सेस...

राठौड़ ने बताया कि उनकी वेबसाइट wincompete.com सभी के लिए फ्री है. कोई भी वेबसाइट पर अकाउंट बनाकर फ्री में उपयोग शुरू कर सकता है. उनका कहना है कि अन्य जो वेबसाइट हैं, जो इस तरह की तैयारी स्टूडेंट्स को करवाती है, वह हजारों रुपए लेती है.

लाखों प्रश्न है वेबसाइट पर, कई कॉम्पिटिशन की कर सकते है तैयारी...

इस वेबसाइट पर आरपीएससी, यूपीएससी, राजस्थान सबोर्डिनेट सर्विस, एसएससी, रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड व नर्सिंग कॉम्पिटेटिव एक्जाम की तैयारी कर सकते है. साथ ही इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षा की भी तैयारी की जा सकती है. वहीं वेबसाइट पर होने वाले टेस्ट सीरीज चैप्टर, सिलेबस, टॉपिक, सब्जेक्ट और एग्जाम किसी भी तरह स्टूडेंट देख सकता है. स्टूडेंट के सवाल का जवाब गलत होने पर वह उसकी डिटेल भी देख सकता है. एग्जाम देने के बाद अपनी रैंकिंग भी देख सकता है. वहीं कठिन प्रश्नों या बार बार गलत होने वाले प्रश्नो को एक्सपर्ट से सॉल्व करवा वेबसाइट पर डाला जाता है.

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2010 में किए प्रयास में असफल हुए...दूसरी बार में मिली सफलता

प्रकाश सिंह राठौड़ बताते हैं कि उन्होंने 2010 में वेबसाइट बनाकर छात्रों को कॉम्पिटिशन की तैयारी कराने का प्रयास किया था, लेकिन उनके साथ जो तकनीकी टीम थी, वह काम छोड़ कर चली गई. ऐसे में वह प्रयास असफल ही रह गया. राठौड़ ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने 2016 में दोबारा काम शुरू किया तब जाकर उन्हें सफलता मिल पाई.

दोस्तों ने किया सहयोग, अधिकारी भी शामिल...

राठौड़ को उदयपुर के दो दोस्त दीपक सोनी और हर्ष ठाकुर ने न्यूनतम दाम पर उन्हें तकनीकी सपोर्ट उपलब्ध करवाया है. अब वेबसाइट पर 7500 से ज्यादा यूजर हो गए हैं. जो रोज वेबसाइट पर आते हैं और एग्जाम की तैयारी में जुट जाते हैं. इसके साथ ही 2018 में उन्होंने एप्लीकेशन wincompete भी अपने मित्रों के साथ बनाई है. इसके साथ ही उनके साथ उनके कई आरएएस अधिकारी और अन्य विभागों में इंजीनियर डॉक्टर भी उनकी मदद करते हैं. जो बतौर एक्सपर्ट वेबसाइट पर ब्लॉग लिखते हैं. साथ ही फ्रेंड के लिए प्रश्नों का सोल्यूशन भी देते हैं.

सैलरी से हर महीने दिए 5,000 तब जाकर शुरू हो पाया यह काम...

आरटीओ राठौड़ ने अपनी सैलरी से यह वेबसाइट शुरू की है. इसमें उन्होंने हर महीने 5000 हजार रुपए वेबसाइट डवलपर्स को दिए है. अब तक इसमें करीब 4 लाख रुपए खर्च कर चुके हैं. वेबसाइट पर डाटा अपलोड करने के लिए या क्वेश्चन बैंकों को मजबूत करने के लिए काम भी जारी है. इसमें एनजीओ की मदद से दिव्यांगों को काम भी दिया जाता है.

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