जयपुर. प्रदेश में कोटा, जोधपुर और बीकानेर सहित सरकारी चिकित्सालय में हो रही बच्चों की मौत पर सियासी पारा गर्म है. अब तक भाजपा ही इस मामले में सियासी आरोप-प्रत्यारोप लगा रही थी, लेकिन अब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) भी मैदान में कूद गई है. आरएलपी संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस पूरे मामले में सरकार को संवेदनहीन बताया है. साथ ही मांग की है, कि जो भी अस्पताल में बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार है, उन पर सरकार आपराधिक मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करे.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में हनुमान बेनीवाल ने कहा, कि प्रदेश सरकार दो गुटों में बंटी है. बच्चों की मौत का जो प्रकरण सामने आया, वह आजादी के बाद राजस्थान का सबसे शर्मनाक मामला है. कई दिनों तक चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा कोटा गए ही नहीं और जब गए तो उनके लिए कालीन बिछाई गई, जैसे वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में होता था.
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'सरकारी चिकित्सकों पर कार्रवाई नहीं'
आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल ने इस पूरे मामले में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए. बेनीवाल ने कहा, कि चिकित्सा मंत्री बनते ही प्रभु शर्मा ने एक आदेश निकालकर निजी क्लीनिक चलाने वाले सरकारी डॉक्टरों की जानकारी मांगी थी. जोधपुर संभागीय आयुक्त की कमेटी ने भी कई चिकित्सकों के नाम इस दौरान अपनी रिपोर्ट में भेजे थे, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं की गई. सब कुछ मैनेज हो गया. बेनीवाल ने कहा, कि यदि उस समय कार्रवाई होती तो बच्चों की मौत के बढ़ते आंकड़े को रोका जा सकता था.