कोटा.प्रदेश के चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा कोटा के अस्पतालों में व्यवस्थाएं सुधारने की बात करते हैं. कहते हैं कि करोड़ों का फंड जारी किया गया है, लेकिन हालात अस्पताल में उलट ही है. अगर हालात बेहतर होते तो ICU में चूहा पहुंचकर पेरेलाइज्ड महिला मरीज की आंखें ही न कुतर (Rat eats up Paralysed woman Eyelashes In Kota) जाता. ये घटना व्यवस्थाओं पर ही सवालिया निशान लगाती है.
सरकारी अस्पताल की लापरवाही: मामला मेडिकल कॉलेज के महाराव भीम सिंह अस्पताल का है. जिसमें यहां पर आईसीयू में भर्ती महिला मरीज की पलकों को ही चूहा कुतर गया है. इस मामले के सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन मामले को दबाने की पूरी कोशिश में है. लगातार कह रहा है कि आईसीयू में तो चूहा है ही नहीं! साथ इस पूरे प्रकरण में जांच कराने की बात भी कर रहा है. दूसरी ओर महिला मरीज के परिजनों का दावा है कि उसकी आंख पर चूहा ही थी.
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28 साल की मरीज बोल नहीं सकती: जानकारी के अनुसार इलाके की 28 वर्षीय रूपवती बीते 46 दिनों से एमबीएस अस्पताल के न्यूरो स्ट्रोक यूनिट में भर्ती है. उसका पूरा शरीर पेरेलाइज है. वो शरीर का कोई हिस्सा हिला नहीं सकती. साथ ही बोल भी नहीं सकती है. महिला के पति देवेंद्र सिंह भाटी का कहना है कि सोमवार देर रात 3:00 बजे वह अपनी पत्नी के पास ही आईसीयू में था. उसकी दाईं आंख की पलकों को चूहा कुतर गया. उनकी पत्नी ने थोड़ी हलचल की गर्दन को हिलाया, तब उनकी नींद टूटी. उन्होंने देखा तो आंखों में से खून टपक रहा था और उसने इस संबंध में चिकित्सकों से बात की. चिकित्सकों ने नेत्र रोग विभाग के चिकित्सकों को कंसल्ट किया और उपचार की बात कही. साथ ही कहा कि अगर जरूरत होगी तो आंख की सर्जरी भी करवा दी जाएगी.
अस्पताल प्रबंधन का अजब तर्क: एमबीएस अस्पताल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ समीर टंडन का कहना है कि चूहे ने न्यूरो स्ट्रोक आईसीयू में मरीज को काटा है या नहीं इस मामले की जांच करवा रहे हैं. उन्होंने संदेह जताते हुए कहा कि इसमें अस्पताल प्रबंधन की गलती है या किसी और इसकी भी पड़ताल होगी. मरीज के परिजन को भी आईसीयू में एंट्री रहती है. ऐसे में जब वे वहां पर मौजूद थे, तब उनकी भी जिम्मेदारी थी. हम ये नहीं कह सकते कि हमारी गलती इसमें नहीं है. इस संबंध में वॉर्ड इंचार्ज और प्रभारियों से भी रिपोर्ट मांगी गई है. उनकी लापरवाही सामने आती है, तो जांच हो जाएगी.
परिजन बोले घूमते हैं चूहे:एमबीएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ नवीन सक्सेना ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि उन्होंने पेस्ट कंट्रोल का कार्यक्रम चलाया हुआ है. बावजूद इसके चूहे कैसे आ गए? इस संबंध में भी जांच करवाई जाएगी. इसमें यह भी देखा जाएगा कि पेस्टिसाइड कंट्रोल में कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई है. इसी न्यूरो स्टॉक यूनिट के आईसीयू में भर्ती अन्य मरीजों के परिजनों का कहना है कि बड़ी संख्या में चूहे आईसीयू में मौजूद हैं, जो इधर-उधर घूमते रहते हैं.
मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, 1 सप्ताह में मांगा जवाब : कोटा में महाराव भीम सिंह अस्पताल में भर्ती महिला की पलकों को चूहों द्वारा कुतरे जाने के मामले में राज्य मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. आयोग ने इस मामले में कोटा जिला कलेक्टर और एमडीएस चिकित्सालय कोटा के अधीक्षक के साथ ही सीएमएचओ को नोटिस जारी कर 1 सप्ताह में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. इस मामले में मीडिया में प्रकाशित खबरों के आधार पर आयोग अध्यक्ष जस्टिस जी. के. व्यास के आदेश पर आयोग में यह मामला दर्ज किया गया और संज्ञान लेकर इस पूरे मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है. इस प्रकरण की अगली सुनवाई 24 मई को की जाएगी. आयोग अध्यक्ष ने अपने आदेश में इस घटना को बेहद लापरवाही वाला माना है और इसे मानव अधिकार का हनन करार दिया है.
गौरतलब है कि कोटा के इस सरकारी अस्पताल के स्ट्रोक यूनिट में भर्ती 28 वर्षीय महिला का शरीर लकवाग्रस्त हैं. महिला के पति का आरोप है कि सोमवार देर रात 3 बजे वो अपनी पत्नी के पास ही आईसीयू में था. उसकी दाई आंख की पलक को चूहा कुतर गया. तब उसकी पत्नी ने थोड़ी हलचल की और गर्दन को हिलाया, जिससे उसकी नींद टूटी. पति ने आरोप लगाया कि पत्नी की आंखों से खून टपक रहा था और इस संबंध में उन्होंने चिकित्सकों को भी जानकारी दी.
3 सदस्य कमेटी करेगी जांच, एडीएम पहुंचे परिजनों से मिलनेःन्यूरो स्ट्रोक यूनिट के आईसीयू में भर्ती महिला की आंख कुतर जाने के मामले में अतिरिक्त जिला कलेक्टर बृजमोहन बैरवा भी अस्पताल का दौरा करने पहुंचे. उन्होंने स्ट्रोक यूनिट में जाकर महिला के परिजनों से बातचीत की है. साथ ही व्यवस्थाएं सुधारने के लिए निर्देशित किया है. इसके बाद एमबीएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ डॉक्टर नवीन सक्सेना ने इस पूरे प्रकरण में जांच के लिए 3 सदस्य कमेटी गठित कर दी है. इसमें अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. एचएल गुप्ता, डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. समीर टंडन और न्यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ दिलीप माहेश्वरी को शामिल किया है. हालांकि रिपोर्ट कब कमेटी सबमिट करेगी, यह इस आदेश में नहीं लिखा है.
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य ने कहा, अधीक्षक अस्पताल ही व्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदारः चूहे के द्वारा मरीज की आंख कुतर जाने के मामले में मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने मीडिया से बातचीत करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि इस बात के लिए अधीक्षक ही जवाब दे पाएंगे. उन्होंने कहा कि अस्पताल की व्यवस्थाओं के लिए अधीक्षक ही सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं. एमबीएस अस्पताल प्रबंधन ने जिला कलेक्टर और मेडिकल कॉलेज प्राचार्य को भी इस मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी है. जिसमें बताया है कि उन्होंने पेस्ट कंट्रोल के लिए फर्म को टेंडर दिया हुआ है. यह फर्म महीने में एक बार पेस्ट कंट्रोल करती थी, लेकिन अब उसे निर्देशित कर दिया है कि वह सप्ताह में दो बार पेस्ट कंट्रोल करेगी. साथ ही चूहों को पकड़ने पर भी जोर देगी.