कोटा.रेलवे में ऑफिस सुपरीटेंडेंट के पद पर कार्यरत देशबंधु पांडे ने केबीसी में 3 लाख 20 हजार रुपए जीते है, लेकिन रेलवे के अधिकारियों को यह बात नहीं पची. ऐसे में उन्होंने देशबंधु पांडे को चार्जशीट थमा दी है. केबीसी में भाग देशबंधु पांडे को भारी पड़ गया. उन पर 3 साल वेतन वृद्धि की रोक भी लगी है. ऐसे में उन्हें अब लाखों रुपए का नुकसान भी इसकी वजह से झेलना पड़ेगा.
पढ़ेंः20 साल की तपस्या का फल : कोटा के देशबंधु पांडे ने KBC में जीते 3.20 लाख...बच्चे बोले- लाइफ लाइन न लेने का मलाल
देशबंधु पांडे ने कौन बनेगा करोड़पति में भाग लिया था. इसके लिए वह मुंबई शूटिंग के लिए भी गए थे. उन्होंने 9 से 13 अगस्त तक अवकाश की मांग भी की थी. जिसका आवेदन भी उन्होंने किया था, लेकिन रेलवे के अधिकारियों को यह नागवार गुजरा और उन्होंने देशबंधु पांडे पर ही कार्रवाई कर दी है. देशबंधु पांडे का शो 26 और 27 अगस्त को ही प्रसारित किया गया था.
देशबंधु पांडे की रेलवे ने रोकी साल की इंक्रीमेंट उन्होंने 10 सवालों के सही जवाब दिए थे और 11 सवाल का सही उत्तर नहीं दे पाए थे. जिसके चलते वे 3 लाख 20 हजार रुपए जीत पाए हैं. हालांकि इस संबंध में देशबंधु पांडे ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. देशबंधु पांडे और उनका परिवार कौन बनेगा करोड़पति में लाखों रुपए जीतने पर खुश जरूर हुआ होगा, लेकिन अब यह चार्जशीट थमाई गई और उनकी वेतन वृद्धि भी रोक दी गई है. इसके बाद उनकी और पूरे परिवार की खुशी काफूर हो गई है.
लाखों रुपए का इंक्रीमेंट नहीं मिलेगा
देशबंधु पांडे को जीत की राशि टैक्स कट कर के मिलेगी, लेकिन दूसरी तरफ उन्हें अधिकारियों की नाराजगी के चलते लाखों का फटका भी लग गया है. आंकड़ों की बात की जाए तो देशबंधु पांडे को हर साल करीब 2 हजार रुपए का इंक्रीमेंट मिलता है. ऐसे में 3 सालों तक उनकी वेतन वृद्धि रोक दी गई है. जिससे कि उन्हें पहले साल 24 दूसरे साल 48 और तीसरे साल 72 हजार रुपए का नुकसान होगा. ऐसे में कुल करीब डेढ़ लाख रुपए का नुकसान उन्हें तीनों सालों में होने वाला है.
रेलवे के नियमों के अनुसार दूसरे के सेवा नियमों में माइनर और मेजर डिसीप्लिनरी एक्शन लिए जाते हैं. इनमें जो एक्शन देशबंधु पांडे के खिलाफ लिया गया है. वह माइनर एक्शन में सबसे ऊपर होता है.
9 को जारी किया 13 तक अनुपस्थित रहने का नोटिस
रेलवे के अधिकारियों ने हड़बड़ी में यह कार्रवाई देशबंधु पांडे के खिलाफ की है. उन्हें 9 तारीख को ही एक नोटिस जारी किया. नोटिस जारी करने वाले वरिष्ठ मंडल सामग्री प्रबंधक आरआरके सिंह है. जिन्होंने कार्य के प्रति लापरवाही बरतने की बात कही है. साथ ही इस नोटिस में लिखा है कि आपने कोई भी अवकाश स्वीकृत नहीं करवाया है, जो कि 9 से 13 अगस्त तक कार्यालय में उपस्थित नहीं होने के लिए दिया गया है. साथ ही इसमें लिखा है कि आप 9 अगस्त को कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए. ऐसे में अग्रिम तारीखों को भी जोड़ते हुए नोटिस कैसे जारी कर दिया गया? क्योंकि आदेश में 13 अगस्त भी लिखी हुई. हालांकि ये नोटिस उन्हें वापस आने के बाद 18 अगस्त को दिया गया है.
हमारे लिए सम्मान की बात इस तरह के व्यवहार अनुचित
वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने कहा कि केबीसी में हर व्यक्ति को तो बुलाया नहीं जाता है. उसके लिए दो से तीन बार स्क्रीनिंग भी होती है. इससे पहले रेलवे में चीफ पर्सनल ऑफिसर रहे मनोज पांडे ने भी केबीसी में 2007 में 50 लाख रुपए की राशि जीती थी. उसके बाद उनका सभी जगह सम्मान हुआ था. कार्यक्रम आयोजित किए गए थे कि रेल परिवार का एक सदस्य केबीसी में जाकर आया है. इसी तरह से कोटा के देशबंधु पांडे के साथ भी होना चाहिए. केबीसी में कोई किसी भी स्थान पर जीता है, हमारे लिए सम्मानजनक बात है. इस प्रकार का व्यवहार नहीं होना चाहिए.
अपील और रिव्यू का मिलेगा मौका
मुकेश गालव का कहना है कि देशबंधु पांडे की अनुपस्थिति में उनकी चार्जशीट बनाकर दंडित किया गया है. हालांकि यूनियन को कर्मचारी के अनुशासनात्मक कार्रवाई में अनुमति नहीं होती है, लेकिन अनुशासन अपील की जो नीतिगत फैसले हैं. उनका कोई भी उल्लंघन होता है, तो यूनियन कर्मचारी के पक्ष में बात करती है. पांडे निश्चित तौर पर आवेदन देकर गए होंगे, उन्हें जो चार्जशीट और दंड मिला है, इसके लिए अपील और रिव्यू पिटिशन का मौका उन्हें मिलेगा वह अपनी बात स्पष्ट करेंगे तो सजा कम और खत्म हो सकती है.
वहीं , इस मामले को लेकर रेलवे अधिकारियों का कहना है कि बिना अवकाश के चले जाने और काम में लापरवाही बरतने के कारण देशबंधु पांडे को चार्जशीट दिया गया है.