कोटा.बच्चों का भविष्य संवारने वाले शिक्षकों का ही भविष्य अब अंधेरे में जा रहा है. जी हां, लॉकडाउन की वजह से कोटा के प्राइवेट स्कूल के कई शिक्षकों को 2 महीने का वेतन ही नहीं मिला है. ऐसे में अब इनके सामने अपना घर परिवार चलाने की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. निजी स्कूलों में जहां पर महज कुछ हजार रुपयों में ही ये शिक्षक काम कर रहे हैं. लेकिन, अधिकांश स्कूलों ने अपने स्टाफ को लॉकडाउन के समय का वेतन नहीं दिया. जिससे शिक्षकों को काफी परेशानी हो रही है.
कुछ स्कूलों ने तो निजी टीचर्स को कहा है कि वह लॉकडाउन के बाद ही स्कूल आए. कोटा के कस्बों और ग्रामीण इलाकों की भी बात की जाए तो वहां भी 30 फीसदी स्कूल संचालित हो रहे हैं. जिनमें करीब 5 से 7 हजार शिक्षक कार्यरत हैं. अधिकांश ऐसे हैं, जिनको वेतन नहीं मिला है. कुछ ने तो अपना काम छोड़कर मनरेगा में मेट का काम भी शुरू कर दिया है.
कई शिक्षक दो स्कूलों में करते हैं नौकरी
शहर के अधिकांश स्कूल ऐसे हैं जो कि छोटी-छोटी जगह संचालित होते हैं. ऐसे में यहां पर काम करने वाले टीचर्स भी दो-दो स्कूलों में पढ़ाते हैं. सुबह की पारी में कहीं और शाम की पारी में कहीं और. तब जाकर दो वक्त के खाने का इंतजाम हो पाता है.
पढ़ेंःस्पेशल: कोटा में 32 हजार प्रवासी श्रमिकों को अभी भी ट्रेनों और बसों का इंतजार