कोटा.न्यायालय ने आज दुष्कर्म के मामले में आरोपी को 20 वर्ष का कठोर कारावास 25 हजार रुपए का जुर्माने से दंडित किया है. आरोपी पीड़ित नाबालिग का अपहरण कर ले गया था. साथ ही उसके साथ दुष्कर्म किया था. जानकारी के अनुसार कोटा शहर की पोक्सो क्रम संख्या 5 ने नाबालिग 13 वर्षीय बालिका का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी को 20 साल का कठोर कारावास व 25000 अर्थदंड से दंडित किया है.
विशिष्ट लोक अभियोजक सुरेश वर्मा ने बताया कि पुलिस थाना जवाहरनगर में 2 मार्च 2019 को रिपोर्ट दर्ज हुई थी कि नाबालिग स्कूल से किसी के साथ चली गई, जिस पर पुलिस ने धारा गुमशुदा बालिका की पड़ताल की. अनुसंधान के दौरान पुलिस ने बालिका को दस्तयाब किया और मेडिकल मुआयना कराया. इसके बाद न्यायालय में 164 के बयान दर्ज कराए. इन बयानों में बालिका ने बताया कि उसे बारां के विजयपुर निवासी गोलू मेहरा बहला-फुसलाकर भगा ले गया था.
यह भी पढ़ें-पुजारी हत्याकांड बहाना, राजनीति चमकानाः जयपुर में बीजेपी का प्रदर्शन, उपचुनाव में वोट माइलेज की कोशिश !
गोलू करीब डेढ़ महीने पहले हमारे मकान के पास मैस पर काम करता था, वहां पर गोलू ने बुलाकर जबरन शारीरिक संबंध बनाए थे, जब मैंने पूरी घटना में पापा को बताई, तो पुलिस ने मुकदमा दर्ज कराया गया. मामले में पुलिस ने पीड़िता के बयानों के आधार पर दुष्कर्म का मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी. अनुसंधान के दौरान पुलिस ने आरोपी को दोषी मानते हुए न्यायालय में चालान पेश किया. ट्रायल के दौरान 19 गवाहों के बयान कराए गए. मामले में न्यायाधीश हनुमान प्रसाद ने आरोपी को दोषी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी पर 25000 का अर्थदंड भी लगाया है.
आरोपी के साथ सहयोग करने वाली महिला को भी सजा
इसी तरह न्यायालय पॉक्सो क्रम संख्या 1 ने बलात्कार के एक मुकदमे में आरोपी को 10 साल का कारावास व 19 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है. मामले में सहयोगी आरोपी महिला को 7 साल का साधारण कारावास और 11 हजार के अर्थदंड से दंडित किया गया है. इस मामले में 16 नवंबर 2012 को रात 10 बजे 14 साल की पीड़ित किशोरी को विनोद और मनोहरी बाई उसके मकान से जबरन पकड़कर ले गए. साथ ही आवां में विनोद के मकान में उसे 3 दिन तक बंधक बनाकर रखा.
साथ ही विनोद ने 3 दिन तक उसके साथ बलात्कार किया. कनवास थाना पुलिस ने शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की और दोनों आरोपियों के विरुद्ध अनुसंधान के बाद न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया. विशिष्ट लोक अभियोजक प्रेम नारायण नामदेव ने बताया कि इस मामले में 28 गवाहों के बयान करवाए. मामले में सुनवाई के पश्चात दोनों आरोपियों को अलग-अलग कारावास की सजा से दंडित किया है.