कोटा.कोविड-19 के संक्रमण के चलते धार्मिक-सामाजिक सभी कार्यक्रम प्रभावित हो रहे हैं. कोटा शहर में 8 दिन का लॉकडाउन लगाया गया है. इसके चलते ही अनंत चतुर्दशी के जुलूस पर भी कोटा जिला प्रशासन ने रोक लगा दी थी. बड़े-बड़े गणेश पंडाल भी शहर में नहीं सजाए गए. उनकी जगह महज छोटी प्रतिमाएं जो कि 4 से 5 फीट तक की स्थापित की गई थी, जिनका विसर्जन भी सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए तीन से चार लोग भी कर सकेंगे.
इसके अलावा लोगों ने अपने घरों पर मूर्तियां स्थापित की थी, जिनका विसर्जन वह अपने पास के जलाशयों में कर रहे हैं. बड़ी संख्या में लोग चंबल नदी के किनारे भीतरीया कुंड पहुंच रहे हैं, जहां पर पहले से ही पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है, जो दो लोगों को ही मंदिर में प्रवेश दे रहा है. उसके अलावा नावों की व्यवस्था लोगों ने की है, जिनमें मूर्तियों को रख रहे हैं और वहां से नदी में प्रभावित कर रहे हैं.
कोटा में गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए लोग पहुंच रहे नदी और तालाबों पर सुरक्षा को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है. इसके अलावा प्रशिक्षु आईपीएस और निरीक्षक भी वहां पर लगाए गए हैं. इसके अलावा किसी भी दुर्घटना के त्वरित रेस्पॉन्स के लिए एसडीआरएफ की टीम को भी तैनात किया गया है, जो चंबल नदी में नाव के जरिए गश्त कर रही है. वहीं लोग वहां पर बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं, जो अपनी मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए आ रहे हैं. प्रशासन सख्ती बरत रहा है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए बार-बार लोगों से आग्रह कर रहा है.
कोटा में गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए लोग पहुंच रहे नदी और तालाबों पर यह भी पढ़ें-राजस्थान में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर 7 दिन का शोक, सरकारी कार्यालयों में 1 दिन का अवकाश घोषित
यहां पर नए कोटा के दादाबाड़ी, तलवंडी, महावीर नगर, बसंत विहार, शक्ति नगर, स्वामी विवेकानंद नगर, रंगबाड़ी, श्रीनाथपुरम और आरके पुरम से लोग पहुंच रहे हैं. ऐसा ही माहौल शहर के किशोर सागर तालाब की पाल पर है, जहां भी बड़ी संख्या में पुराने कोटा और स्टेशन, नयापुरा, बजरंग नगर, कोटड़ी, गुमानपुरा वल्लभबाड़ी के लोग पहुंच रहे हैं.