कोटा. नगर विकास न्यास कृषि भूमि पर बनी कॉलोनियों का नियमन कर विकसित कर रही है. लेकिन शहर की ज्ञान सागर कॉलोनी उपेक्षा का शिकार हो रही है. यूआईटी कॉलोनी को अप्रूव करके भूल गई है. कॉलोनी में खाली पड़े प्लॉटों में 6 से 7 फीट तक पानी भरा है. जिसके चलते कभी भी हादसा हो सकता है. सड़कों में गड्ढे हो गए हैं. लेकिन कोई भी सुनवाई करने वाला नहीं है.
कॉलोनी में खाली पड़े प्लॉटों में 6 से 7 फीट तक पानी भरा है 2013 को हुआ था कॉलोनी का नियमन
ज्ञान सरोवर कॉलोनी निवासी कुंज बिहारी विजय ने बताया कि 2013 में इस कॉलोनी को यूआईटी से अप्रूवल मिल गया था. जिसके बाद 2016 से यहां आकर लोग रहने लगे लेकिन यूआईटी की तरफ से आज तक कॉलोनी में विकास के कोई काम नहीं करवाए गए. घरों के बाहर बड़े-बड़े गड्ढे हैं. खाली पड़े प्लाटों में पानी भरा रहने से बच्चो के डूबने का खतरा बना रहता है.
कॉलोनी वासी कई बार जिला कलेक्टर और यूआईटी सचिव को लिखित में शिकायत दे चुके हैं पढ़ें:EXCLUSIVE: कोरोना से मौत के आंकड़ों को छुपाने में जुटी सरकार...बीते 4 दिनों में 12 की मौत, सरकार ने बताया सिर्फ 4
विकास के नाम पर नील बट्टे सन्नाटा
कॉलोनी निवासी आनंद मोहन सक्सेना ने बताया कि इस कॉलोनी में विकास के नाम पर कुछ भी काम नहीं किया गया है. ना तो यहां नाला है. जिससे पानी की निकासी की भी समस्या बनी रहती है. उन्होंने बताया कि खाली पड़े प्लॉटों में युवक मछलियां पकड़ते हैं. सक्सेना ने बताया कि यूडीएच मंत्री ने 2013 में इस कॉलोनी को नियमन किया था, तब से कॉलोनी की ओर ध्यान नहीं दिया गया.
खाली पड़े प्लॉटों में युवक मछलियां पकड़ते हैं घरों में आ रहे हैं सांप-बिच्छू
कॉलोनी वासी इस संबंध में कई बार जिला कलेक्टर और यूआईटी सचिव को लिखित में शिकायत दे चुके हैं. लेकिन समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. गायत्री विजय बताती हैं कि घरों के आस-पास पानी भरा होने से सांप बिच्छू घरों में आ जाते हैं. जिसके चलते छोटे बच्चों को लेकर डर बना रहता है कि कहीं वो इनको पकड़ ना लें. यूआईटी सचिव से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि खाली पड़े प्लॉटों को चिन्हित कर उनके मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.