कोटा.कोटा एसीबी चिकित्सा महकमे के लगातार मामले खोल रही है. स्वास्थ्य विभाग से जुड़े दो भ्रष्टाचार के मामले 1 महीने में सामने आ गए हैं. इसके अलावा सीएमएचओ ऑफिस में लगे नर्सिंगकार्मिक पर भी एसीबी ने एक लाख रुपए रिश्वत मांगने का मुकदमा दर्ज किया है. इन सभी पर पीपल्दा विधायक राम नारायण मीणा का बयान सामने आया है. उन्होंने इन भ्रष्टाचार के मामलों में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर को लिप्त बताया है.
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विधायक राम नारायण मीणा ने बयान जारी करते हुए कहा है कि दीगोद में एसीबी की टीम ने कार्रवाई करते हुए गरीब घर की महिलाएं जो आशा सहयोगिनी हैं. उनकी सुपरवाइजर शकीला बानो और कंप्यूटर ऑपरेटर सत्य प्रकाश सुमन को रिश्वत लेते पकड़ा. यह सारा प्रकरण सीधा सीएमएचओ डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर से जुड़ा है. उनकी पत्नी ज्योति तंवर जिला आशा कोऑर्डिनेटर है. यहां तक कि सीएमएचओ डेपुटेशन लगाते हैं. उसमें भी शिकायत है कि पैसा लेकर लगाते हैं. सफाई कर्मचारियों के कांटेक्ट में पैसा लेने की शिकायत है.
सीएमएचओ का रवैया तानाशाही वाला
विधायक ने कहा कि मेरे विधानसभा क्षेत्र से भी बहुत से कर्मचारियों को डेपुटेशन पर बाहर लगाया हुआ है. एक कर्मचारी की इतनी हिम्मत होना तानाशाह पूर्ण रवैया है. उसके खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े मामले सामने आने के बाद भी एक्शन नहीं होना संदेश करता है. वह सीधा पैसा नहीं ले कर अपने सहयोगियों के माध्यम से पैसा लेते हैं. यह बयानों में भी सामने आया है. जो रिश्वत लेते हुए पकड़े गए हैं, उन्होंने सीएमएचओ का नाम लिया है.
जिस के कार्यालय में खुलेआम भ्रष्टाचार की शिकायत है. ऐसे व्यक्ति को महत्वपूर्ण पद पर रखना एक व्यक्ति का प्रश्न नहीं है. राजस्थान और कोटा में जिन भी व्यक्तियों के खिलाफ एसीबी के मामले आए हैं, उनको हटाना पड़ेगा.