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स्पेशल: पार्किंग की समस्या से जूझ रहा कोटा, कब मिलेगा निजात?

कोटा शहर में पार्किंग की समस्या आजकल आम बात हो गई है. जिसका मुख्य कारण है शहर में पर्याप्त रूप से स्थाई पार्किंग की व्यवस्था का ना होना और वाहनों की बढ़ती संख्या. इसके चलते ट्रैफिक जाम की भी समस्य लगातार बनी रहती है. इस मामले व्यापारी और सड़कों के किनारे दुकान लगाने वाले लोगों का क्या कहना है जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Dec 22, 2020, 12:00 PM IST

कोटा में पार्किंग की समस्या, parking problem in kota
कोटा में पार्किंग की समस्या से रोज जूझते है व्यापारी

कोटा. शहर में पार्किंग की समस्या आम है. सरकारी दफ्तर हो या निजी ऑफिस या फिर बाजार. हर व्यक्ति के सामने पार्किंग की समस्या है. लगातार वाहन भी कोटा शहर में बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने के चलते बाजारों में ही वाहनों का रेला सड़कों पर नजर आता है. इसके चलते ट्रैफिक जाम अक्सर होता है. शहर के भीतरी बाजारों की स्थिति ऐसी है कि एक बार आप वाहन लेकर चले गए तो आधे घंटे के पहले 1 किलोमीटर सड़क भी नहीं क्रॉस कर सकते है.

कोटा में पार्किंग की समस्या से रोज जूझते है व्यापारी

इस समस्या को लेकर व्यापारी दिखाते परेशान है. शहर के कोटड़ी रोड, गुमानपुरा मेन रोड, छावनी बाजार, रामपुरा से लगते रामपुरा, लाडपुरा व अग्रसेन बाजार में इस तरह की समस्या आम बात है. यहां तक कि अब तो समस्या शहर के नए इलाके तलवंडी, जवाहर नगर, केशवपुरा, रंगबाड़ी मेन रोड पर भी आने लगी है. जबकि यहां पर पहले से ही सड़कें काफी चौड़ी है, लेकिन रोड साइड वाहन खड़े हो जाने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यह जगह भी पूरी भर जाने के बाद वाहन खड़ा करने की जगह नहीं मिलती है. सड़कें संकरी नजर आने लगी है.

पार्किंग की समस्या से व्यापार पर भी पड़ रहा असर

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व्यापारियों का कहना है कि इस समस्या के चलते उनका धंधा भी कमजोर हो रहा है. क्योंकि ग्राहक भी कम आने लगे हैं. साथ ही अक्सर ट्रैफिक जाम रहने से काम की गति भी कम हो रही है. अधिकांश वाहन रैंकर ही यहां पर चलते नजर आते हैं. मिनिमम चार्ज फिर भी नहीं खड़े करते व्यापारी शहर की कई पार्किंग जो अभी बनाई हुई है. इनमें अग्रसेन बाजार और सरोवर टॉकीज के नजदीक है. जहां पर व्यापारियों के लिए 80 रुपए महीने में ही वाहन खड़े करने की दरें तय की हुई है. इसके बावजूद भी यहां पर व्यापारी वाहन को खड़ा नहीं करते हैं. अग्रसेन बाजार व्यापार संघ के अध्यक्ष महेंद्र कांकरिया का कहना है कि वे कई बार अपने व्यापारियों को इसके संबंध में बातचीत कर चुके हैं.

नजर नहीं आती वाहन खड़ी करने की जगह

उन्होंने मिनिमम दरें तय करवाई है, लेकिन फिर भी व्यापारी मानते नहीं है. इसका खामियाजा ग्राहकों को उठाना पड़ता है और दिनभर बाजार में वाहनों की रेलमपेल रहती है. साथ ही ट्रैफिक जाम की स्थिति हो जाती है. कई बार तो माल लोडिंग अनलोडिंग के लिए आने वाले वाहनों को भी जगह नहीं मिलती है. व्यापारी बोले अतिक्रमण की समस्या शहर की दुकानों का अतिक्रमण भी ट्रैफिक जाम और पार्किंग असुविधा के लिए जिम्मेदार है.

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ट्रैफिक जाम की समस्या आम बात है व्यापारी संजय जैन कहते हैं कि पहले तो मार्केट से अतिक्रमण हटाना चाहिए. व्यापारी को खुद को भी अपनी दुकान सुव्यवस्थित कर नहीं होगी और ग्राहक को भी वाहन खड़ा करने के लिए जगह देनी होगी. अपनी गाड़ी को पार्किंग में या फिर ऐसी जगह लगाया जाए. जिससे ग्राहक के वाहन को आने में किसी तरह की कोई समस्या नहीं हो.

अतिक्रमण की वजह से भी होती है पार्किंग की समस्या

यह प्राथमिकता रहनी चाहिए. पुलिस प्रशासन को भी अपने जवान लगाकर सड़क पर कोई भी गलत गाड़ी खड़ी नहीं हो, यह देखना होगा. सभी बाजारों में ग्राहक 30 से 40 मिनट के लिए बाजार में आता है, लेकिन उसको पूरी जगह मिलनी चाहिए. अतिक्रमण पर पूरी तरह से पाबंदी होनी चाहिए. कोई भी व्यापारी अतिक्रमण करता है, तो उस पर सख्ती और जुर्माना लगाया जाना चाहिए. कॉलोनी वासियों को भी हो रही परेशानी शहर के व्यस्ततम मार्केट में जाने वाले लोग अपने वाहनों को आसपास की गलियों में पार्क कर देते हैं. यहां रहने वाले रहवासी भी इससे काफी परेशान है. क्योंकि लोग या तो उनके घरों के बाहर गाड़ी खड़ी कर जाते हैं. जिससे उनके वाहनों को भी खड़ा करने की समस्या उन्हें हो जाती है.

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ऐसा शहर के शॉपिंग सेंटर, वल्लभबाड़ी, सिंधी कॉलोनी, गुमानपुरा और छावनी इलाकों में होता है. इसके साथ ही शहर के बाजारों में फुटकर और ठेले भी काफी मात्रा में लगे होते हैं. इसके चलते सड़कें संकरी होती जा रही है. रामपुरा एरिया के व्यापारी प्रवेश गुप्ता कहते हैं कि प्रशासन और व्यापारियों को मिलकर ही पार्किंग की समस्या पर चर्चा करनी होगी और समाधान निकालने होंगे. इसमें यह भी तय करना हुआ कि व्यापारी अपनी गाड़ी कहां खड़ी करें और ग्राहक को कहां पर पार्किंग की जगह मिले. पार्किंग के समस्या का समाधान होना जरूरी है. आवारा जानवरों की भी समस्या है. दूसरी तरफ बाजारों में जो परमानेंट फोर व्हीलर या लोडिंग वाहन खड़े होते हैं. उन्हें भी हटाना काफी जरूरी है.

कोटा में लगातार वाहनों की बढ़ती संख्या

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वनवे की पालना भी प्रशासन को करवानी होगी. अदालत के पास शुरू हुई पार्किंग, डेढ़ साल में दो नई मल्टी लेवल पार्किंग भी बना कर होगी तैयार नगर विकास न्यास के सचिव राजेश जोशी का कहना है कि पार्किंग की समस्या काफी हद तक बाजारों में है. इसके समाधान को लेकर वर्तमान सरकार काम कर रही है. कोटा में हाल ही में अदालत चौराहे के नजदीक सर्किट हाउस के बाहर एक पार्किंग शुरू की गई है. इसमें 200 से ज्यादा वाहन पार्क हो सकते हैं.

ऐसे में अदालत के आसपास सड़क पर पार्क होने वाले वाहनों को यह जगह मिल जाएगी. साथ ही मल्टीपरपज स्कूल में भी बहुमंजिला पार्किंग का निर्माण आधे से ज्यादा हो गया है. वहीं, व्यापारियों के लिए जो कि शहर के भीतरी बाजार में जाते हैं.उनके लिए जयपुर गोल्डन के नजदीक इसी तरह की बहुमंजिला पार्किंग मनाई जा रही है. हम लगातार ट्रैफिक का दबाव सड़कों पर से कम करने की कोशिश में पार्किंग बना रहे हैं.

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समय रहते की जाए आगे की प्लानिंग नगर विकास न्यास और नगर निगम को पहले ही सचेत होना होगा. शहर में बढ़ते हुए ट्रैफिक को देखते हुए प्लानिंग बनानी होगी. ताकि वैकल्पिक मार्ग बने और यातायात भी लगातार सुगम रहे. इसके लिए पार्किंग भी सड़क बनाने के बराबर ही अहम हिस्सा है. अधिकांश इलाकों में सड़क बना दी जाती है. लेकिन पार्किंग नहीं होती है. जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है. वह जगह मिलते ही पार्किंग कर लेते हैं, लेकिन सड़क पर ट्रैफिक पुलिस उनकी गाड़ी को उठाकर ले जाती है और भारी जुर्माना उन्हें देना होता है.

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