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राजस्थान के 8 केंद्रों पर 6 मई से अफीम की तुलाई, CBN सोशल डिस्टेंसिंग के लिए अफीम के साथ एक किसान को देगा प्रवेश - ईटीवी भारत की खबर

कोटा में केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो राजस्थान में 6 मई से अफीम की तुलाई शुरू करेगा. राजस्थान में 8 केंद्रों पर यह खरीद होगी. क्षेत्रीय नारकोटिक्स कार्यालय ने स्थानीय प्रशासन के सहयोग से इसकी तैयारी शुरू कर दी है.

केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो, Central Bureau of Narcotics
8 केंद्रों पर 6 मई से अफीम तुलाई

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Published : Apr 23, 2020, 10:46 AM IST

कोटा. केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो राजस्थान में 6 मई से अफीम की तुलाई शुरू करेगा. इसमें राजस्थान सहित मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में तुलाई होगी. केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के उपायुक्त विकास जोशी के अनुसार प्रदेश में अफीम की तुलाई 6 मई से शुरू होने के आदेश मिले हैं. कोरोना वायरस के मद्देनजर नारकोटिक्स ब्यूरो इसकी तैयारी कर रहा है. राजस्थान में 8 केंद्रों पर यह खरीद होगी. क्षेत्रीय नारकोटिक्स कार्यालय ने स्थानीय प्रशासन के सहयोग से इसकी तैयारी शुरू कर दी.

8 केंद्रों पर 6 मई से अफीम तुलाई

सरकार ने मध्यप्रदेश में करीब 37 हजार, राजस्थान में 33 हजार और उत्तर प्रदेश में करीब 3 हजार किसानों को लाइसेंस दिए गए थे. इनमें से करीब 10 हजार किसानों ने खराब के चलते विभागीय सहमति से अपनी फसलें नष्ट कर दी थीं. इसके बाद राजस्थान में करीब 30 हजार, उत्तर प्रदेश में करीब 800 और मध्यप्रदेश में करीब 34 हजार किसान अपनी अफीम बेचेंगे. जानकारी के अनुसार अफीम की खरीद अप्रैल के पहले सप्ताह में शुरु हो जाती है, लेकिन कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन में यह खरीद टल गई थी. ऐसे में किसानों को अफीम अपने घरों में रखनी पड़ रही थी. यहां से किसानों को चोरी होने और गर्मी से सूखने की चिंता सता रही थी. अफीम में कमी की सजा किसानों को भुगतनी पड़ सकती थी. ऐसे में किसान अफीम से छुटकारे के लिए जल्द से जल्द तुलाई की मांग कर रहे थे.

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राजस्थान में बनाए गए केंद्र की बात करें तो छीपाबड़ौद, झालावाड़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़ और चित्तौड़गढ़ में कुल 8 केंद्र बनाए गए हैं. जबकि मध्यप्रदेश में नीमच, मंदसौर और रतलाम सहित 9 केंद्र है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में एक केंद्र पर अफीम की खरीद की जाएगी. नारकोटिक्स ब्यूरो के अधिकारियों के अनुसार कोरोनावायरस से बचाव के लिए केंद्र पर सैनिटाइजर, मास्क, साबुन और पानी की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी. इसके अलावा किसान और सभी स्टाफ की प्रवेश के पहले थर्मल स्कैनिंग की जाएगी.

सोशल डिस्टेंसिंग बनाना चुनौती

अफीम तुलाई के समय नारकोटिक्स ब्यूरो के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग बनाना सबसे बड़ी चुनौती है. इसके लिए एक किसान को ही कंटेनर के साथ प्रवेश की अनुमति मिलेगी. तौल केंद्र पर भीड़ नहीं हो इसके लिए एक किसान गांव के दूसरे किसान की फसल भी अफीम तौल के लिए ला सकता हैं. केंद्र पर अलग-अलग पारियों में अफीम खरीद के समय होगी. पहले जहां पर एक केंद्र पर दिन केंद्र पर 100 से 200 किसानों की अफीम खरीदी जाती थी. सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के चलते 50 ही रह जाएगी. ऐसे में यह खरीद लंबे समय तक चलेगी.

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