गांधी सागर बांध में एक लाख क्यूसेक पानी की आवक, कोटा बैराज से 52 हजार क्यूसेक की हो रही निकासी - Rajasthan hindi news
मध्यप्रदेश में हो रही बारिश के कारण गांधी सागर बांध में एक लाख क्यूसेक पानी की आवक हो रही है. कोटा बैराज से छह गेट खोल कर 52000 क्यूसेक पानी (52000 cusecs water discharge from Kota barrage) की निकासी की जा रही है.
52000 cusecs water discharge from Kota barrage
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Published : Oct 7, 2022, 11:07 PM IST
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Updated : Oct 8, 2022, 7:18 AM IST
कोटा. मध्यप्रदेश में हुई तेज बारिश के चलते चंबल नदी पर बने सबसे बड़े गांधी सागर बांध में पानी की आवक (water coming in Gandhi Sagar Dam) तेज हो गई है. ऐसे में वहां से निकासी होने के कारण ही राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज से भी निकासी की जा रही है. कोटा बैराज से रात 10:00 बजे से 6 गेट खोलकर 52 हजार क्यूसेक पानी (52000 cusecs water discharge from Kota barrage) छोड़ा जा रहा है. छह गेट 7 फीट खोले गए हैं. ऐसे में कुल 42 फीट बांध के दरवाजे खोले गए हैं. बांध का लेवल 854 फीट पर पहुंच गया है.
अक्टूबर महीने में एक साथ चंबल नदी के चारों बड़े बांधों के गेट खोल कर पानी की निकासी किए जाने का यह दूसरा साल है. बीते साल 2021 में भी इसी तरह से अक्टूबर महीने में पानी की निकासी की गई थी. वह चंबल नदी के बांध बनने के बाद इतिहास में पहली बार निकासी थी. जल संसाधन विभाग ने चंबल नदी के किनारे बसे गांव में अलर्ट जारी किया है ताकि नदी के बहाव क्षेत्र की ओर कोई ना जाए.
लबालब होने की कगार पर गांधी सागर बांध राणा प्रताप सागर बांध के सहायक अभियंता हरीश तिवाड़ी का कहना है कि गांधी सागर बांध में मध्य प्रदेश में हुई बारिश के चलते एक लाख क्यूसेक के आसपास पानी की आवक हो रही है. बांध का जलस्तर भी 1311.55 फीट है. इसको नियमानुसार क्षमता 1312 फीट भरा जाएगा. ऐसे में उम्मीद है कि अगर पानी की आवक लगातार जारी रही तो गांधी सागर बांध लबालब हो जाएगा.
हालांकि वहां से एक स्लूज गेट खोल कर 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. इसी के चलते राणा प्रताप सागर बांध का जलस्तर भी बढ़ रहा है. वर्तमान में गैज 1157.50 फीट है. जहां से पावर जेनरेशन के लिए मशीन 6000 और गेट डिस्चार्ज 34,000 मिलाकर कुल 40,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. किसी तरह से जवाहर सागर बांध से भी 36,000 क्यूसेक पानी तीन गेट व मशीन डिस्चार्ज किया जा रहा है.