कोटा.जिलाग्रामीण पुलिस क्राइम कंट्रोल के साथ-साथ अब सड़क हादसों की भी जांच करेगी और पता लगाने की कोशिश करेगी कि उनके इलाके में कहां एक्सीडेंटल स्पॉट है, जहां पर लगातार हादसे होते हैं. इसके बाद पुलिस उस स्पॉट पर रिसर्च करेगी और पूरे एरिया को एक्सीडेंटल मुक्त करेगी. इसके लिए एंट्री गेट रेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस पर भी कोटा ग्रामीण पुलिस काम कर रही है.
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कोटा ग्रामीण एसपी शरद चौधरी ने बताया कि भारत में हर साल पांच लाख लोग सड़क हादसे में अपनी जान गंवा देते हैं. इसको लेकर मिनिस्ट्री ऑफ रोड एंड ट्रांसपोर्ट ने रिसर्च का कार्य शुरू किया है. इसके तहत सड़क हादसों के कारणों का पता लगाया जाएगा और उन्हें रोकने के लिए माकूल कदम भी उठाया जाएगा, जिससे प्रतिवर्ष हो रहे हादसों में मौतों को रोका जा सकेगा. इसके लिए पुलिस विभाग के जरिए डेटाबेस भी तैयार किया जा रहा है.
चार E से रोकेंगे दुर्घटना
विशेषज्ञों के अनुसार एक्सीडेंट में चार E का बड़ा योगदान होता है, जिनमें इंजीनियरिंग, एंपावरमेंट, एनफोर्समेंट और एजुकेशन शामिल है. रिसर्च वर्क के अनुसार सबसे पहले ये देखा जाएगा कि जहां हादसा हुआ है वहां की सड़क की डिजाइन और उसकी इंजीनियरिंग में कोई डिफेक्ट तो नहीं है. दूसरे और तीसरे E के मुताबिक यानि एंपावरमेंट और एनफोर्समेंट का मतलब यातायात नियमों की पालना करवाना, जो कि यातायात और पुलिस का काम है.
वहीं, चौथा E का मतलब एजुकेशन है, मतलब सड़क पर चलने के नियम, ओवर स्पीड नहीं चलाने जैसे विषयों पर समय-समय पर जनचेतना के लिए एजुकेशन देना. इन चारों E फेक्टर पर काम किया जाएगा और इस कार्य के लिए स्थानीय पुलिस का भी सहयोग लिया जाएगा.