कोटा. इंजिनियरिंग और मेडिकल की तैयारी करने कोटा आए हजारों छात्र-छात्राओं के सामने दीपावली पर अपने घर पर जाना मुश्किल हो गया है. पर्व को लेकर सभी ट्रेनें फुल हो चुकी हैं. यहां तक कि वेटिंग टिकट (No ticket in trains on Diwali) भी नहीं जारी किया जा रहा है. दिवाली पर ट्रेनों में नो रूम के कारण विद्यार्थी बसों में टिकट देख रहे हैं लेकिन हालत ये है कि सभी निजी बस ऑपरेटरों ने भी मौके का लाभ उठाते हुए करीब 70 फीसदी तक (bus operators increase fare) किराया बढ़ा दिया है.
ऐसे में दिवाली पर कोचिंग छात्रों की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ेगा. हालात ऐसे हैं कि जिस जगह पर किराया 1000 रुपए था, अब वहां तक के लिए 2700 से 2800 रुपए तक किराया देना पड़ रहा है. दूसरी तरफ परिवहन विभाग भी इस पर लाचारी जता रहा है. विभाग का कहना है कि कांटेक्ट कैरिज की बसों में किराया सरकार तय नहीं कर सकती है. कॉन्ट्रैक्ट कैरिज की बसें अधिकांश उन रूटों पर चलती हैं जहां पर रोडवेज की सेवाएं नहीं है. ऐसे में इन रूटों में ज्यादा पैसा वसूला जा रहा है. इसमें उदयपुर, जयपुर, जोधपुर, इंदौर, उज्जैन, लखनऊ, कानपुर, झांसी, ग्वालियर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, देहरादून, हरिद्वार, दिल्ली व अहमदाबाद शामिल हैं.
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परिवहन विभाग लाचार, कहा- हम नहीं कर सकते कार्रवाई
परिवहन विभाग भी इस पर एक्शन नहीं ले पा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि कॉन्ट्रैक्ट कैरिज की बसें संचालित होने के चलते उनपर कार्रवाई नहीं कर सकते हैं. इन कॉन्ट्रैक्ट कैरिज की बसों में वह कार्रवाई नहीं कर सकते हैं. इसमें कांट्रेक्टर और सवारी के बीच ही सीधा संबंध में किराए का रहता है. ऐसे में इन पर एक्शन नहीं ले सकते हैं.आरटीओ राजेश शर्मा का कहना है कि उन्हें इस संबंध में हमें कोई ऐसी शिकायत भी नहीं मिली है, ऐसे में कार्रवाई कैसे कर सकते हैं. कॉन्ट्रैक्ट कैरिज का लीगल मतलब ही यह है कि दो लोगों के बीच में कॉन्ट्रैक्ट. इसमें कोई विभाग या सरकार हस्तक्षेप नहीं कर सकती है. इसके लिए कोई नियम भी नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि शिकायत आने पर वे मामले को गंभीरता से लेंगे.
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