राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

अजमेर: जिला अस्पताल की सुध लेने नहीं पहुंचा कोई भी राजनेता

कोटा के जे के लोन अस्पताल में मासूम बच्चों की मौत के मामले लगातार तेजी पकड़ रहे है. इसको देखते हुए राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाओं को लेकर हड़कंप मचा हुआ है. लेकिन अजमेर के नसीराबाद में स्थित राजकीय सामान्य चिकित्सालय में कोई समाज सेवी या कोई नेता अस्पताल का जायजा लेने नहीं पहुंचा.

By

Published : Jan 6, 2020, 8:10 PM IST

ajmer latest news, राजकीय सामान्य चिकित्सालय नसीराबाद
जिले के अस्पताल की नहीं ली किसी ने सुध

नसीराबाद (अजमेर).कोटा के जे के लोन अस्पताल में 36 दिनों में 112 मासूम बच्चों की मौत के बाद राज्य के सभी सरकारी अस्पताल हरकत में आते हुए अलर्ट मोड पर चल रहे है. साथ ही मासूमों को रोगग्रस्त होने के दौरान सुविधाएं उपलब्ध होने या फिर कमी का रोना रोते हुए भी उपचार में मुस्तैदी से जुटे हुए है. लेकिन इसके बावजूद भी राज्य में मासूमों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.

पढ़ें- अजमेरः दिव्यांग की सरकारी योजना की पात्रता में बाधा बनी बायोमेट्रिक अपडेशन

वहीं, जहां मासूम बच्चों की मौत के मामले को लेकर राज्य सहित देश की राजनीति में भारी उथल पुथल मची हुई है और राज्य की सत्तारूढ़ गहलोत सरकार के साथ समूचा चिकित्सा विभाग निशाने पर है. लेकिन, नसीराबाद क्षेत्र के भाजपा और कांग्रेस दिग्गदज, समाजसेवी संस्थाओं सहित किसी भी समाज सेवी ने क्षेत्र के 150 पलंगो वाले कस्बे के कोटा रोड स्थित राजकीय सामान्य चिकित्सालय में जाकर व्यवस्थाओं को जांचने और निरीक्षण करने की जहमत नहीं उठाई.

जब सोमवार को ई टी वी भारत राजस्थान की टीम अस्पताल में हालातों का जायजा लेने पहुंची तो कोटा सहित प्रदेश में अन्य स्थानों पर चिकित्सा के दौरान बच्चों की मौतों के मामले में शिशु रोग विशेषज्ञ प्रेम प्रकाश बालोडिया और चिकित्सा प्रभारी डा विनय कपूर सहित चिकित्सा प्रशासन चाक चौबन्द नजर आया. हालाकि अस्पताल में तेज सर्दी की वजह से मौसमी बीमारियों की चपेट में आकर रोग ग्रस्त मासूमों को उनके परिजन उपचार हेतु अस्पताल लेकर आ रहे थे.

जिले के अस्पताल की नहीं ली किसी ने सुध

बता दें कि अस्पताल में सर्दी, जुकाम से पीड़ित बच्चों को नेबुलाईजर उपकरण से नेबुलाईज करने का सिलसिला जारी था. लेकिन कई बार नेबुलाईज करने के दौरान तैनात नर्सिंग स्टाफ के मौजूद नहीं होने की शिकायत को प्रभारी डा विनय कपूर ने गंभीरता से लिया और ऐसे कार्मिकों को कोताही बरतने पर कार्रवाई किये जाने की चेतावनी दी .

अस्पताल प्रभारी डा विनय कपूर ने बताया की हमारे यहां शिशु वार्ड और एन बी एस यूनिट भी है. जिसमें सभी व्यवस्थाए दुरुस्त रखी गयी है और शिशु वार्ड में वार्मर, हीटर और नेबुलाईजर उपकरण उपलब्ध है. इसके साथ ही साफ सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है और पिछले दिनों से मौसमी बीमारियों की वजह से रोगी बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है उसके लिए सम्पूर्ण व्यवस्थाएं की गई है.

कपूर ने बताया की साल 2019 में अस्पताल में कुल 1 हजार 47 बच्चों का जन्म हुआ. जिसमें से कोई भी मौत का शिकार नहीं हुआ और शिशु वार्ड में 4 चिकित्सा कार्मिक तैनात कर रहे है और अन्य कार्मिकों को भी हिदायत दी गयी है कि किसी भी मासूम की गंभीर स्थिति के चलते तत्काल शिशु वार्ड में पहुंचे और पिछले 1 जनवरी से आज 6 जनवरी तक 714 बच्चों को उपचार दिया गया है.

पढ़ें- अजमेर: पुलिस ने पकड़ा नशे का जखीरा, 17.50 लाख कैश बरामद

शिशु रोग विशेषज्ञ प्रेम प्रकाश बालोदिया ने बताया की सर्दी के मोसम में तापमान में गिरावट आने की वजह से सर्दी जुकाम से पीड़ित बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है और हमारे पास दो वार्मर है जो की चालु हालत में है. बच्चो के इलाज में कोई भी कोताही नहीं बरती जा रही है. गौरतलब है कि अजमेर जिले में नसीराबाद अस्पताल की दुर्दशा और दयनीय हालात सुर्खियों में रहते है. लेकिन अब समूचा चिकित्सा प्रबन्धन इस दाग को धोने के प्रयासों में जी जान से जुटा हुआ है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details