कोटा. मेडिकल शिक्षा को रोडमैप पर लाने के लिए नेशनल मेडिकल कमिशन (National Medical Commission) में प्रैक्टिकल्स और क्लीनिकल पोस्टिंग को महत्व दिया गया है. एनएमसी के जारी किए गए एकेडमिक कैलेंडर (NMC Released Academic Calendar) में प्रैक्टिकल्स, क्लीनिकल पोस्टिंग्स के समय और गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया गया है. क्योंकि चिकित्सकों का सीधा संबंध मानव जीवन की रक्षा और बेहतरी से है. ऐसे में प्रेक्टिकल और क्लीनिकल पोस्टिंग की प्रक्रिया से थोड़ा भी समझौता खतरनाक हो सकता है.
नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने देश के मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) के लिए तकनीकी सत्र प्रारंभ करने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इस वर्ष 14 फरवरी से एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कॉलेज में शुरू हो जाएगी. एमबीबीएस शिक्षा में प्रैक्टिकल्स और क्लीनिकल पोस्टिंग का महत्व (Importance Of Practical And Clinical Posting In MBBS Education) है.
कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि ओबीसी-एनसीएल और ईडब्ल्यूएस आरक्षण से संबंधित न्यायालय में दायर याचिकाओं के चलते नीट यूजी 2021 (NEET Ug 2021) सेंट्रल और स्टेट काउंसलिंग के आयोजन में रिकॉर्ड देरी हुई है. इस देरी के मेडिकल शिक्षा सत्र पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को दूर करने हेतु एनएमसी ने सकारात्मक निर्णय लेते हुए मेडिकल शिक्षा सत्र 2021 से 2026 को पटरी पर लाने के कई प्रयास किए हैं.