कोटा. जिले की पोक्सो न्यायालय क्रम संख्या-4 ने मंगलवार को भीमगंजमंडी थाना इलाके में बीते साल हुए मां-बेटी के जघन्य हत्याकांड मामले में फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को फांसी की सजा से दंडित किया है. इस मामले में सजा सुनाने के बाद जब आरोपियों को न्यायालय से बाहर लाया गया तो भी दोनों के चहरों पर किसी तरह की कोई शिकन नजर नहीं आई. वह मस्त होकर हंस रहे थे. आरोपी मस्तराम तो कह रहा था कि उसका अच्छा हंसता हुआ फोटो आना चाहिए.
फांसी के बाद भी हंसते रहे आरोपी मां बेटी हत्याकांड एक नजर में
31 जनवरी 2019 को स्टेशन क्षेत्र में रहने वाली मां-बेटी की लाश घर पर लहूलुहान स्थिति में मिली थी. साथ ही बेटी के साथ दुष्कर्म भी आरोपी मस्तराम और उसके साथी लोकेश ने किया था, जिसका खुलासा पुलिस ने न्यायालय में पेश किए चालान में किया था. वहीं घर से 37 लाख रुपए और 15 किलो जेवरात भी लूट कर ले गए थे. हत्यारे इतने शातिर थे कि घर से सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर भी निकाल कर ले गए थे.
शोक जताने पहुंचा था आरोपी, हाथ में मामूली खरोच से पुलिस को हुआ शक
मां-बेटी हत्याकांड में कोटा पुलिस ने 4 दिन में ही पूरे हत्याकांड को खोल दिया था. लूट की नीयत से किए इस डबल मर्डर में पुराने नौकर मस्तराम ने अपने दोस्त लोकेश के साथ अंजाम दिया था. आरोपी मस्तराम इतना शातिर था कि पुलिस को गुमराह करने के लिए मृतक के घर पर शोक जताने पहुंच गया, लेकिन पुलिस को उसके हाथ पर एक खरोच दिखी और उसके हावभाव को देखकर शक हुआ. इसके बाद उसे पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया. शुरुआत में वह झूठ बोलता रहा, लेकिन सख्ती बरतने पर उसने सच बता दिया और लूट की नीयत से हत्या करना स्वीकार लिया.
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हत्या करके जयपुर भाग गए थे
आरोपी मस्तराम और लोकेश मां-बेटी की हत्या के बाद रुपयों से भरा बैग लेकर अपने गांव तीरथ गए. जहां सारा पैसा अपने घरों में छुपा दिया और जयपुर घूमने निकल गए. इसके बाद 31 जनवरी की रात को ही बूंदी गए और बस से जयपुर चले गए. जयपुर बस स्टैंड के पास एक होटल में रुके, अगले 3 दिन जमकर खरीदारी की और शराब पी. दोनों ने महंगे मोबाइल, कपड़े व अन्य सामान खरीद कर 2 फरवरी को वापस कोटा आ गए.