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स्पेशल: चीन और मुगल शासकों ने भी लगाई थी भगवान राम के अस्तित्व पर मुहर, जारी किए थे सिक्के - Rama coin in Mughal rule

कोटा के मुद्रा शास्त्र विशेषज्ञ शैलेश जैन से ईटीवी भारत ने विशेष बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि भगवान राम का बोलबाला हर शासक और वंश के समय था. भारत के हजारों शासकों ने उनके नाम की मुद्रा जारी की है. जिनमें या तो उनका चित्र था या फिर राम लिखा हुआ था. इसके साथ सीता माता और लक्ष्मण भी कई मुद्राओं में मौजूद हैं. देखिए ये रिपोर्ट...

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सिक्कों पर राम का नाम

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Published : Aug 5, 2020, 6:10 PM IST

कोटा. अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का शिलान्यास बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है. इसे लेकर पूरे देश में लोगों के बीच उत्साह है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत ने कोटा के मुद्रा शास्त्र विशेषज्ञ शैलेश जैन से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि भगवान राम का बोलबाला हर शासक और वंश के समय था.

मुद्रा शास्त्र विशेषज्ञ शैलेश जैन से खास बातचीत

भारत के हजारों शासकों ने उनके नाम की मुद्रा जारी की है. जिनमें या तो उनका चित्र था या फिर राम लिखा हुआ था. इसके साथ सीता माता और लक्ष्मण भी कई मुद्राओं में मौजूद हैं. यहां तक कि मुद्रा विशेषज्ञ जैन का कहना है कि चीन से आए आक्रमणकारी कुषाण के समय एक हुविष्क राजा हुए थे. जिन्होंने भी भगवान राम पर तांबे का सिक्का जारी किया था. जिसमें भगवान राम को दर्शाया गया है. इसके साथ ही मुगल शासक अकबर की ओर से जारी किए कई सिक्कों पर भगवान राम अंकित हैं.

सोने के सिक्के

विदेशी शासकों पर भी काफी बोलबाला रहा है

शैलेश जैन के अनुसार 1604 में अकबर ने भी राम सीता लिखा हुआ एक सिक्का जारी किया था, जिस पर राम सीता का चित्र अंकित है. यह दुर्लभ सिक्का तीनों जगह अभी ज्ञात हुआ है. जिनमें 2 सिक्के भारत में हैं. वही एक सिक्का लंदन में है. भारत में 2 सिक्के एक दिल्ली के नेशनल म्यूजियम और दूसरा वाराणसी के भारत कला संस्थान म्यूजियम में है. साथ ही लंदन वाला सिक्का ब्रिटिश म्यूजियम में है. अकबर ने सोने और चांदी दोनों में मोहरे जारी की थी.

चांदी के सिक्के

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पंच मार्क से लेकर सोने तक के सिक्के

मुद्रा शास्त्र के विशेषज्ञ एडवोकेट शैलेश जैन का कहना है कि मौर्य काल में पंचमार्क चला करते थे. जिन पर शासक धातु पर ही अपने शासन की छाप लगा कर मुद्रा बना दिया करते थे. तब से भगवान राम सिक्कों पर अंकित हैं. इन सिक्कों पर 3 व्यक्ति दिखाए गए हैं, जो कि राम लक्ष्मण और सीता ही हैं. इसके बाद तांबे और चांदी की मुद्राओं पर भी भगवान राम को अंकित शासकों ने किया है. वहीं, कई शासकों ने तो सोने के सिक्के भी भगवान राम पर जारी किए हैं. राजाओं के समय भी दीपावली मनाई जाती थी. ऐसे में पूजा में रखने के लिए रामटका होता था, जो कि लोग चांदी या सोने में ही बनवाते थे.

तांबे के सिक्के
  • मुगल शासक अकबर ने 1604 में भगवान राम पर सिक्का जारी किया था. इस मोहर पर भगवान राम धनुष लेकर और माता सीता अंकित है. यह सिक्का सोने और चांदी दोनों पर जारी किया गया था.
  • कुषाण शासक हुविष्क ने तांबे की मुद्रा जारी की थी, जिस पर भगवान राम धनुष लेकर अंकित हैं.
    मुगल काल के सिक्के

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हर शताब्दी में जारी हुए हैं भगवान राम पर सिक्के

शैलेश जैन के अनुसार मध्य काल में दसवीं से 15वीं शताब्दी के बीच दक्षिण के कई राजाओं ने भगवान राम पर मुद्रा जारी की है. इनमें उत्तरी कर्नाटक के कदम साम्राज्य, तंजौर के नायक, विजयनगर साम्राज्य, होयसला, शिवगंगा व मदुरई के नायक ने भी भगवान राम पर सिक्के जारी किए हैं. इसी तरह से 7वीं शताब्दी के आसपास बंगाल के शासक समताता और मैनामती ने भी सोने के सिक्के जारी किए थे. जिन पर राम भगवान धनुष लिए अंकित हैं.

विभिन्न तरीके के सिक्के

अजमेर स्टेट ने भी श्रीराम पर निकाला था सोने का सिक्का

शैलेश जैन का कहना है कि उन्होंने खुद देवास स्टेट के सिक्कों की खोज की थी, जिस पर श्री राम लिखा हुआ है. साथ ही उनका कहना है कि राजस्थान के अजमेर के चौहान वंश के विग्रह राजा सम्राट बीसलदेव ने भी दिल्ली तक राज किया था. उन्होंने भी सोने के सिक्के पर भगवान राम का चित्र अंकित किया है. यह सिक्का 12वीं शताब्दी के आसपास जारी हुआ है. मुद्रा विशेषज्ञ जैन के पास हर शताब्दी के सिक्के मौजूद हैं. बड़ी मात्रा में सिक्कों का संग्रह करते हैं. ऐसे में सोने और चांदी के सिक्कों को तो वे लॉकर में ही रखते हैं.

विभिन्न तरीके के सिक्के

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