कोटा. हरियाणा और पंजाब के किसान दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं. उन्हीं के समर्थन में गुरुवार को कोटा में किसानों ने प्रदर्शन किया. हजारों की संख्या में आक्रोशित किसान शहीद स्मारक के बाहर एकत्रित हुए. किसानों ने मांग की है कि तीनों कृषि कानून को वापस लिया जाए, नहीं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. साथ ही धरना-प्रदर्शन के साथ-साथ कामकाज ठप करने की चेतावनी दी. ये सभी किसान कोटा, बारां, बूंदी और झालावाड़ से पहुंचे थे.
कोटा में किसानों का धरना-प्रदर्शन किसान शहीद स्मारक से अग्रसेन चौराहा, महर्षि नवल सर्किल, एमबीएस हॉस्पिटल होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. इस दौरान किसान मोदी सरकार और कृषि कानून के खिलाफ नारेबाजी करते रहे. किसानों की रैली जब कलेक्ट्रेट पहुंची तो उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ भाषण भी दिया. इस दौरान किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले को भी लेकर आए थे, जिसे कलेक्ट्रेट पर फूंक कर विरोध प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन को देखते हुए भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया था, जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण जैन के नेतृत्व में 5 थानों का जाप्ता और आरएसी के साथ-साथ कमांडो भी मौजूद रहा.
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एमएसपी का जिक्र नहीं...
किसानों ने कहा कि मोदी सरकार कॉरपोरेट के लिए कृषि कानून लेकर आई है. उन्होंने कहा कि इससे पूंजीपतियों को फायदा पहुंचने वाला है. इन काले कानूनों को वापस लेने की जरूरत है. मोदी सरकार का यह कानून खेती-किसानी को बर्बाद कर देगा और सभी किसानों को कॉरपोरेट का गुलाम बना देंगे. इन कानूनों के लागू होने पर कॉरपोरेट और बड़े घराने मनमाने भाव पर माल को खरीदेंगे और उनका भंडारण भी नहीं होने देंगे. किसानों का कहना है कि काले कानून में एमएसपी पर फसल खरीदने का जिक्र भी नहीं किया गया है.
कल करेंगे दिल्ली कूच
किसानों ने तीनों कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच करने करने की घोषणा कर दी है. कोटा में किसानों के विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे लोगों ने साफ कह दिया है कि 5 से 7 हजार की संख्या में ये लोग शुक्रवार को दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे, जहां पर वे हरियाणा और पंजाब के आए हुए किसानों का समर्थन करेंगे.