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Special: औद्योगिक से कोचिंग नगरी बने कोटा को अब बनाएंगे 'टूरिस्ट सिटी'

कोटा पहले इंडस्ट्रियल सिटी था, लेकिन धीरे-धीरे उद्योग बंद हो गए. कोटा की अर्थव्यवस्था को अब कोचिंग संस्थानों ने संभाला हुआ है. ऐसे में नगर विकास न्यास ने दावा किया है कि चंबल के हेरिटेज रिवरफ्रंट और कोटा सिटी पार्क के जरिए पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित करेंगे. इनके पूरी तरह से विकसित हो जाने के बाद पर्यटक जोधपुर, जैसलमेर और बीकानेर को भूल जाएंगे.

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सिटी पार्क और चंबल हेरिटेज रिवर फ्रंट का मॉडल तैयार

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Published : Dec 11, 2019, 12:52 PM IST

कोटा.शहर में नगर विकास न्यास की तरफ से सिटी पार्क, चंबल हेरिटेज रिवर फ्रंट बनाया जा रहा है. जिससे इस शहर में टूरिस्ट की संख्या बढ़ेगी. साथ ही इकोनॉमिकल ग्रोथ भी होगी. दोनों की डीपीआर बनने के बाद इनके मॉडल तैयार किए गए हैं और जिनका प्रेजेंटेशन नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के सामने डीपीआर तैयार करने वाले आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया ने दिया.

सिटी पार्क और चंबल हेरिटेज रिवर फ्रंट का मॉडल तैयार

इसमें उन्होंने बताया कि 580 करोड़ की लागत से दोनों प्रोजेक्ट बनाए जाएंगे. चंबल रिवरफ्रंट को महीनों की तर्ज पर तैयार किया जाएगा, यहां बनने वाले गार्डन का डिजाइन मुगल गार्डन की तर्ज पर होगा. सिटी पार्क में कोचिंग सेंटर के लिए स्पेशल जोन बनेगा. मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि अभी कोटा में केवल चार हजार के करीब सालाना पर्यटक आते हैं. जो नाइट स्टे करते हैं, लेकिन प्रदेश के अन्य जिलों या शहरों में कई गुना ज्यादा पर्यटक आते हैं.

उन्होंने कहा कि कोटा पहले इंडस्ट्रियल सिटी था, लेकिन धीरे-धीरे उद्योग बंद होते जा रहे हैं. कोटा की अर्थव्यवस्था को अब कोचिंग संस्थानों ने संभाला हुआ है. ऐसे में हम चंबल के हेरिटेज रिवरफ्रंट और कोटा सिटी पार्क के जरिए पर्यटक के लिए सुविधाएं विकसित करेंगे. इनके पूरी तरह से विकसित हो जाने के बाद पर्यटक जोधपुर, जैसलमेर और बीकानेर को भूल जाएंगे. वे कोटा को याद करेंगे. धारीवाल ने कहा कि जो कोचिंग स्टूडेंट के पेरेंट्स आते हैं, वही हमारे कोटा के पर्यटन के एंबेसडर बनेंगे.

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71 एकड़ में बनेगा 80 करोड़ का कोटा सिटी पार्क...

आयल टाउनशिप की 71 एकड़ जमीन पर बनने वाले सिटी पार्क में करीब 39 तरीके के काम किए जाएंगे. इनमें कोचिंग स्टूडेंट को स्ट्रेस फ्री करने के लिए भी कई सुविधाएं होगी. अभी यहां पर 8 फीसदी हरियाली है. इसे बढ़ाकर 74 फीसदी किया जाएगा, बाकी के 14 फीसदी एरिया में वोटर बॉडी और 12 फीसदी एरिया में सड़क या हार्ड सर्फेस का निर्माण होगा. इसमें अलग-अलग जोन बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा ग्रीन पार्किंग भी बनेगी. जिसमें 350 कारें, 200 टू व्हीलर और 20 बसों को खड़ा करने की सुविधा होगी.

डेढ़ किलोमीटर लंबी आर्टिफिशियल कैनाल...

कोटा सिटी पार्क में करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी केनाल बनाई जाएगी. जिसके अंदर वोटिंग भी होगी, यह कैनाल 10 से 18 मीटर चौड़ी होगी. वहीं इस सिटी पार्क में बनने वाला वाकिंग ट्रैक हार्ड सर्फेस वाला होगा. साथ ही सॉफ्ट सरफेस भी होगा, जिससे लोगों के घुटनों को खराब होने से बचाया जा सकेगा. यह करीब 3 किलोमीटर लंबा होगा. जिसमें मयूर पार्क के अलावा फ्लावर रोड, साइकिल ट्रैक, बॉटनिकल पार्क, वाटर केनाल, फूड अरोमा, आर्ट हिल, मल्टीमीडिया फाउंटेन व तीन तरीके वॉकिंग ट्रैक होंगे.

एयर क्वालिटी को करेगा अच्छा...

पार्क आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया ने बताया कि कोटा सिटी पार्क में कई फाउंटेन और पिरामिड लगाए जाएंगे यह सब स्थानीय पत्थरों की मदद से ही किया जाएगा. इसमें राजस्थान की कला को ही प्रदर्शित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोटा सिटी पार्क बनने के पहले एयर क्वालिटी इंडेक्स की भी स्टडी की गई थी. इसमें झालावार रोड जहां पर यह कोटा सिटी पार्क प्रस्तावित है, वहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे खराब था. ऐसे में इसके बनने के बाद में एयर क्वालिटी भी अच्छी हो जाएगी.

हेरिटेज रिवर फ्रंट से फ्लड कंट्रोल का दावा...

आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया ने कहा कि कोटा चंबल नदी से इस बार लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिसके चलते किनारे तबाह हो गए हैं, लेकिन चंबल रिवरफ्रंट फ्लड कंट्रोल का भी काम करेगा. उन्होंने कहा कि इस को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है. कोटा बैराज से जिस तरह से पानी छोड़ा जाएगा उस तरह ही इसमें स्टेप्स बनाए जाएंगे, जो पानी में डूब जाएंगे और उसमें अच्छी क्वालिटी के पत्थर और मजबूती से काम किया जाएगा.

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राजस्थान के हर इलाके की डिजाइन देंगे...

चंबल के हेरिटेज रिवरफ्रंट के निर्माण में आर्किटेक्ट दावा कर रहे हैं कि वे हर संभाग की कला को यहां पर प्रदर्शित करेंगे. इसमें मारवाड़ की कला के भी हेरिटेज लुक की महल, छतरियां और दरवाजे बनाए जाएंगे. इसके अलावा मेवाड़, बृज, शेखावाटी और हाड़ौती की डिजाइन भी जगह-जगह लगाई जाएगी. उन्होंने कहा कि जो पुराने घाट या जगह है, उनसे कोई छेड़छाड़ नहीं होगी. इसमें चंबल माता स्टेचू के साथ-साथ कई जगह पर फूड कोर्ट बनेंगे और लोगों को बैठकर चंबल को निहारने का भी मौका दिया जाएगा.

स्टेशन से लेकर अनंतपुरा तक नहीं होगी लाल बत्ती...

आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया ने कहा कि स्टेशन से अनंतपुरा तक 12 किलोमीटर लंबी सड़क पर ट्रैफिक हर्डल्स फ्री बना रहे हैं. इस पूरी सड़क पर एक भी लाल बत्ती नहीं होगी. इसके लिए अंटाघर और एरोड्रम सहित कई जगह पर अंडरपास बनाए जा रहे हैं. अंडरपास भी आधुनिक तकनीक के होंगे. इनके बीच में आने वाले चौराहे को भी हेरिटेज लुक देकर सुंदर बनाया जाएगा.

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