कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रामअवतार गुप्ता को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मुख्यालय की टीम ने 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. वे जयपुर में एमएनआईटी के गेस्ट हाउस में रुके थे, जहां उनके रूम से 21 लाख रुपए बरामद हुए. इसके बाद उनके जयपुर और कोटा निवास पर हुई तलाशी में करोड़ों रुपए की संपत्ति होना सामने आया है. इस पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री और रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर ने हमला बोला है.
मदन दिलावर ने आरोप लगाया है कि सरकार में बैठे हुए लोगों ने बड़ी राशि लेकर कुलपति का चयन किया था. इसके साथ ही उन्होंने कुलपति चयन की प्रक्रिया पर भी आपत्ति जताई है. यहां तक कि उन्होंने कह दिया कि चयन समिति ने भी (MLA Dilawar Serious Allegation) लाखों रुपए लेकर प्रो. रामअवतार गुप्ता को वीसी बनाया था. उनका कहना है कि कुलपति केवल सरकार की सिफारिश को ही आगे बढ़ाते हैं. जबकि चयन समिति राज्य सरकार के अधीन आती है.
दिलावर ने कहा कि प्रो. गुप्ता का चयन (Rajasthan Technical University Vice Chancellor Ramavtar Gupta) कैसे हुआ है, यह किसी को जानकारी नहीं है. इनका भी चयन बड़ी धनराशि सरकार में बैठे हुए लोगों ने लेकर किया है. सब यही जानते हैं कि यूनिवर्सिटी राज्यपाल के अधीन रहती है, लेकिन चयन समितियां के प्रस्ताव सरकार के पास जाते हैं और सरकार सिफारिश करती है. सरकार की सिफारिश प्रो. रामअवतार गुप्ता की थी.